मनुष्य के पूरे जीवन में कई दफा ऐसी समस्या आ जाती है जो उसके जीवन पर बहुत ही बुरा असर डालती है अक्सर व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कई ऐसी समस्याओं का शिकार हो जाता है जिनको उसके साथ किसी भी प्रकार का वास्ता नहीं होता है । पर हम आपके लिए कुछ ऐसे उपायों को बताने जा रहे है जिनसे आप व्यतित कर पाएंगे बहुत ही सुखी वैवाहिक जीवन। कहावत है कि बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रुपैया. पैसा एक ऐसी चाह है जिस के पास ज्यादा हो वह परेशान, जिस के पास कम हो उसे अधिक पाने की लालसा. यही लालसा परिवार और समाज पर भारी पड़ती है. पैसे को ले कर अकसर रिश्तों में दरार आ जाती है |
कभी कभी पैसा ऐसा विवाद बन जाता है जो समाज में रिश्तों को शर्मिंदगी की ओर ढकेलता है, अपनों के बीच खींचातानी, परिवार में लड़ाईझगड़े, मारपीट आदि. यहां तक कि लोग अपनों का खून बहाने में जरा सा भी परहेज नहीं करते हैं. कहा जाता है कि दुनिया में 3 चीजें हैं जो अपनों को आपस में लड़ा देती हैं-जर, जोरू और जमीन. ये ऐसी चीजें हैं जिन से एक हंसताखेलता परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच जाता है | गीता में भी बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को नर्क तथा अच्छे काम करने वाले को स्वर्ग का स्थान मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में धन दौलत जमीन-जायदाद के लालच में पारिवारिक रिश्तों में भी दरार पड़ रही है। लेकिन अज्ञानता के कारण मनुष्य घमंड एवं लालच में ही यह सब कर रहा हैं। किंतु जो व्यक्ति समझदार मोह लालच से दूर है उसका परिवार स्वयं खुशी से जीवन व्यतीत कर रहा है।
उज्जैन के ज्योतिषी पंडित पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की यदि आपका विवाहित जीवन किसी न किसी समस्या से लम्बे वक्त से जूझ रहा है व इनकी वजह से यह आपके विवाहित रिश्ते को काफी चोट पहुंची है तो आपको जल्द प्रयोग करना चाहिए इन खास उपायों को, जो आपके और आपके वैवाहिक जीवन के लिए काफी लाभप्रद होंगे।
— उज्जैन के ज्योतिषी पंडित पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की परिवार में पति के भोजन कर लेने के बाद उसी थाली में पत्नि को भोजन करना चाहिए । साथ पति द्वारा छोड़े गए खाने के अंश का सेवन भी पत्नि द्वारा किया जाना चाहिए । ऐसा करने से पति और पत्नि के बीच प्रेम बड़ता है।
— उज्जैन के ज्योतिषी पंडित पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पति अपनी पत्नि को सदैव सम्मान करे, पति अपनी पत्नि का सम्मान बिलकुल लक्ष्मी के भांति करें |
— उज्जैन के ज्योतिषी पंडित पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पीपल और केेले के पेड़ की पूजा की जाए।
आपके द्वारा कमाए जाने वाले वेतन को प्रतिमाह अपनी पत्नि को दे, और आपकी पत्नि द्वारा ही उस वेतन को तिजोरी में रखा जाए।
—उज्जैन के ज्योतिषी पंडित पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पति या पत्नि द्वारा कभी भी अपने जीवन साथी को उसकी कम वेतन के लिए ताने मारने का काम नहीं किया जाना चाहिेए।
इसके आलावा निम्न बातें भी आप अपने जीवन में अवश्य अपनाएं,लाभ होगा —
रिश्तों में मधुरता जरूरी—
हर रिश्ता कच्चे रेशम की डोर से बंधा होता है. अगर वह टूट जाता है तो आसानी से जुड़ता नहीं है. जुड़ता भी है तो दिल में एक गांठ जरूर पड़ जाती है. समाज में जितना जरूरी पैसा है उस से कहीं ज्यादा जरूरी रिश्ते को माना जाता है. यह सच है कि पैसा सब की जरूरत है. लेकिन आप के पास बहुत पैसा हो और परिवार की खुशी न हो तो कहीं न कहीं आप हमेशा अधूरे से रहेंगे. पैसा हमेशा न टिकने वाला होता है लेकिन संबंध समाज में हमेशा सुखदुख में काम आने वाले होते हैं. इसलिए पैसे को महत्त्व न दे कर अगर रिश्तों में मधुरता लाने की कोशिश की जाए तो इस विवाद को कम किया जा सकता है.
जलन की भावना—-
पैसे का विवाद अधिकतर एकदूसरे से जलन की भावना से शुरू होता है. परिवार हो या पड़ोसी, अगर आप के अंदर इस कुंठा ने जन्म ले लिया है तो मनमुटाव होना लाजिमी है. परिवार में सभी लोग बराबरी में नहीं रह सकते. किसी को अच्छी नौकरी, तो किसी को खानेकमाने भर की. जो खानेकमाने भर की नौकरी करता है उसे अच्छी नौकरी की तलाश करनी चाहिए न कि अच्छी नौकरी करने वाले को ले कर अपना मन कुंठित करे. ऐसा करने से केवल एकदूसरे के प्रति दूरियां बढ़ने के सिवा कुछ नहीं मिलता, आपसी रिश्तों में मनमुटाव शुरू हो जाता है जो आगे चल कर एक विवाद का रूप ले लेता है.
कम उम्र में शादी—
जिन की शादी कम उम्र में यानी 20-22 वर्ष तक की उम्र में हो जाती है उस वक्त उन में न तो अधिक समझ होती है, न ही उन के कैरियर व जिंदगी में स्थायित्व आया होता है. ऐसे लोग जब 30-32 की उम्र में पहुंचते हैं तभी उन के विचारों में परिपक्वता आती है या कहिए उन्हें जिंदगी जीने का सलीका आता है. और इन सब के साथ ही उन्हें यह महसूस होता है कि उन्होंने अपनी जवानी के दिन यों ही गुजार दिए. मौजमस्ती, फ्लर्टिंग जैसी अवस्थाओं से वे गुजरे ही नहीं. जिंदगी के उस हसीन हिस्से को वे अब जीना चाहते हैं, अनुभव करना चाहते हैं. अपनी लाइफ में थ्रिल, ऐक्साइटमैंट को महसूस करने के लिए वे मुड़ते हैं ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की खतरनाक, फिसलन भरी मगर बेहद हसीन, दिलफरेब गलियों में.
गलत कारणों से हुई शादी—-
अधिकांश व्यक्ति परिवार व समाज के दवाब में आ कर जीवनसाथी का चयन कर बैठते हैं. ऐसी शादी सामाजिक प्रतिष्ठा, आर्थिक कारण और जाति बंधन वगैरह को ध्यान में रख कर तय होती हैं. शादी के कुछ वर्षों बाद उन्हें अपनी इस गलती का एहसास होता है कि उन्होंने गलत जीवनसाथी का चयन कर लिया है. जिंदगी के इस मुकाम पर अगर उन की मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से हो जाती है जो उन के लाइफ पार्टनर से शारीरिक या मानसिक रूप से बेहतर है तो वे तुरंत उस की तरफ आकर्षित हो जाते है. और यह आकर्षण, जानपहचान व दोस्ती के गलियारों से गुजरता एक मजबूत अफेयर के अंजाम तक पहुंच जाता है.
जिंदगी में आए बदलाव से उपजा स्ट्रैस—-
जिंदगी हर पल रंग बदलती है. नित नई चुनौती सामने रखती है. लेकिन कभीकभी काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ता है. जैसे पारिवार में किसी प्रिय की मौत, फाइनैंशियल लौस, नौकरी का खोना, पदोन्नति न होना वगैरह. ऐसे मुश्किल हालात में कई बार लोग सहारे व इमोशनल सपोर्ट के लिए अपने पार्टनर को छोड़ किसी और के सहज उपलब्ध मजबूत कंधे का सहारा लेते हैं. खासतौर पर तब जब पार्टनर ज्यादा सपोर्टिव व समझदार न हो. कई बार अनजान हमदर्द को हम अपना दर्द आसानी से बता देते हैं और अपनी कमजोरी अपने डर का हमराज उसे बना लेते हैं जो हमारी तरफ इन मुश्किल हालात में सहानुभूति और सहारे का हाथ बढ़ाता है. धीरेधीरे हमदर्दी का यह रिश्ता अनजाने में ही अफेयर की शक्ल अख्तियार कर लेता है.
माता पिता बनना—
घर आंगन में नन्ही किलकारी की गूंज से मधुर संगीत दूसरा नहीं होता. लेकिन पतिपत्नी से मातापिता बनने का सफर दोनों के जीवन में काफी बदलाव लाता है और यह दौर चुनौतीपूर्ण भी होता है. पतिपत्नी की परस्पर रिलेशनशिप व प्राथमिकताएं बदलती हैं. एकदूजे के साथ जितना वक्त बिताना चाहिए उस में कमी आ जाती है. अकसर देखा गया है कि एक पत्नी मां की भूमिका में जिस सहजता से ढल जाती है और बच्चे के प्रति पूर्णतया समर्पित हो जाती है, पति के लिए यह बदलाव उतना आसान नहीं होता. उसे अकसर लगता है कि उस का महत्त्व पत्नी की नजर में कम हो गया है. उसे जिस अटैंशन और वैंपरिंग की आदत हो गई थी, वह उसे मिस करता है. और इसी अटैंशन की खोज में वह घर से बाहर भागता और अफेयर में उलझ जाता है. पत्नी अपने बच्चे में इतनी उलझी होती है कि काफी वक्त तक पति की कारगुजारी की उसे भनक तक नहीं लगती.
सैक्सुअल रिलेशन में उदासीनता—
ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होने की एक बहुत बड़ी या प्रमुख वजह आप इसे मान सकते हैं. सैक्सुअल डिजायर का पूरा न होना पतिपत्नी के रिश्ते को बेहद कमजोर कर देता है. अपने जीवन को इस कमी को दूर करने के लिए अकसर घर से बाहर कदम निकलते हैं और अफेयर जन्म लेता है.
भावनात्मक अलगाव—-
कभी कभी कपल के बीच भावनात्मक अलगाव पैदा हो जाता है. दोनों के बीच प्यार तो होता है, मगर जुड़ाव कम होता जाता है. कैरियर के सिलसिले में अलगअलग शहरों/देशों में रहना इस की एक वजह होती है. और वजहें होती हैं वक्त की कमी या फिर संवाद की कमी.ऐसा होने से हो सकता है कि गुजरते वक्त के साथ आप एकदूजे से इमोशनली डिसकनैक्ट हो जाएं और किसी और से आप के मन के तार जुड़ जाएं. बाद में यह खूबसूरत, भावनात्मक रिश्ता अफेयर का रूप ले ले.
महत्त्वाकांक्षाओं पर काबू—-
हम अपने आसपास अगर पैसे के विवाद को देखते हैं तो उस में से एक बात जरूर सामने आती है, मनुष्य की बढ़ती हुई आकांक्षा. फलां व्यक्ति के पास यह चीज है, मेरे पास नहीं है. या फिर हमारे भाई के पास है तो मेरे पास क्यों नहीं. सीधी सी बात है, जितनी चादर उतने पैर फैलाओ. मान लो, अगर आप के परिवार में किसी के पास कार है तो वक्तजरूरत आप के काम आएगी. इसी में खुश रहना चाहिए और अगर आप उस लायक नहीं हैं तो आप को इस सोच से जीना चाहिए कि मेरे पास भले न हो लेकिन मेरे घरपरिवार में तो उपलब्ध है.
आपसी मनमुटाव—–
अगर परिवार में पैसे को ले कर आपसी मनमुटाव चल रहा है तो परिवार के साथ बैठ कर बातचीत करें. अकसर देखा जाता है कि घरपरिवार की बातें जब बाहर निकल कर जाती हैं तो वे एक प्रकार से ऐसी बीमारी बन जाती हैं जो दीमक की तरह खोखला करने का काम करती हैं. उस का कारण यह है कि घर की बातों पर घरफूंक तमाशा देखने वाले बहुत से लोग होते हैं. जब आप घर की बातों को किसी दूसरे से शेयर करते हैं तो उस बात पर मजे लेने वाले बहुत से लोग होते हैं जो कि परिवार को आपस में लड़वाने का काम अच्छे से जानते हैं.
अगर आप को परिवार में जमीन, पैसे को ले कर कोई समस्या है तो अपने घर में परिवार के सदस्यों के साथ बैठ कर हल करें जिस से आप अपने दिल की पूरी बात अपनों के सामने रख सकें और उस का निदान परिवार के लोग आसानी से निकाल सकें. इसलिए आपसी मनमुटाव का हल स्वयं करें. किसी बाहरी व्यक्ति को ज्यादा महत्त्व न दें.
बदलाव की चाह—-
कभी कभी जिंदगी एक मुकाम पर आ कर ठहर सी जाती है. रिश्ते, बातें, स्पर्श, साथ, साहचर्य इन सब से ताजगी की महक उड़ जाती है. शादी के कुछ वर्षों पश्चात उपजी इस एकरसता से पैदा होती है बदलाव की चाह. लाइफ पार्टनर से प्यार है मगर रिश्ते में वह स्पार्क बाकी नहीं, जो पहले था. इस कमी को दूर करने, जिंदगी में कुछ नया, ऐडवैंचरस करने और मिर्चमसाला भरने की चाह नए साथी, नए सफर पर चलने की वजह बनती है. ऐसे में शुरुआत हो जाती है एक नए अफेयर की.
कैरियर में आगे बढ़ने की ललक—-
आज कैरियर वूमन का जमाना है. मर्दों के लिए तो पहले भी था, लेकिन अब महिलाओं के लिए भी कैरियर उन की टौप मोस्ट प्राथमिकता है. अब जब मैरिड कपल में दोनों ही वार्किंग हैं, दोनों ही पदोन्नति पाने को बेताब हैं, अपना सारा समय, शक्ति, ऊर्जा और क्षमता कैरियर को ऊंचा उगने में लगा रहे हैं, तो स्पष्ट है कि उन के पास आपसी रिश्तों को संवारने, सहेजने और मजबूत बनाने के लिए न तो वक्त है, न ही इस की जरूरत उन्हें महसूस होती है. नतीजा, उन के रिश्ते में अब वह मजबूती, स्थायित्व नहीं रह जाता जो पहले होता था. इस कमी के चलते दोनों में से कोई भी एक पार्टनर सहज ही उपलब्ध मौके का फायदा उठा कर नई राह का राही बन जाता है.
किसी एक का बेहद आकर्षक होना—–
आम जिंदगी में यह बहुत ही कम देखने में आता है कि पतिपत्नी दोनों ही समान रूप से खूबसूरत, आकर्षक हों. 19-20 के फर्क को रहने दिया जाए तो ऐसे भी कपल देखने में मिलते हैं जहां अंतर 10 और 20 का होता है. और अगर पति 20 और बीवी 10 है, तो ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है. हैंडसम, उच्चपदस्थ, वैलग्रूम्ड मर्दों की तरफ विवाहित, अविवाहित महिलाएं बिन डोर खिंची चली जाती हैं. और मर्द तो विधिवत प्रेमी होते ही हैं, ऐसे में सैक्सी, हौट सुंदर बाला जब स्वयं आगे बढ़ ग्रीन सिगनल दे बैठे तो अफेयर की शुरुआत तो बस हुई ही समझो.
नारी स्वतंत्रता व समानता का दौर—-
आज के दौर में नारी किसी बात में मर्द से पीछे नहीं, अफेयर के मामले में भी नहीं. पति का हद से ज्यादा व्यस्त रहना, साधारण व्यक्तित्व होना, पत्नी से प्यार तो करना मगर इजहार, इकरार करना न आना या कहिए पत्नी को वह अटैंशन न देना जो शादी की शुरुआत में देता था, ये कुछ ऐसे कारण हैं जो पत्नी को ऐक्स्ट्रा अफेयर के लिए उकसाते हैं. पहले भी ये वजहें होती थीं लेकिन पत्नी यों ही जीवन जीती रहती थी. लेकिन अब जौब करने से उस के पास भी भरपूर मौका है, पति के अलावा अन्य मर्दों के संपर्क में आने, उन से दोस्ती, फ्लर्टिंग, अफेयर करने का. लेकिन गलत राह के राही बनेंगे तो सही मंजिल तक कभी नहीं पहुंचेगे. बहकने, कदम डगमागाने के कारण चाहे जो भी हों, लेकिन समझदारी इसी में है कि आकर्षण, बदलाव और मौजमस्ती की चाहत में किए अफेयर को जल्द ही खत्म कर अपने घर जीवनसाथी के पास वापस आ जाएं. आखिर जिंदगी भर के साथ का वादा भी तो किया है न.
सहनशक्ति की भावना—-
रिश्तों में सहनशक्ति की भावना होना बहुत जरूरी है. अगर आप के अंदर सहनशक्ति की भावना है तो आप किसी भी रिश्ते को अच्छे से निभा सकते हैं. पैसे, जमीन जैसे विवाद में सहनशक्ति की भावना होनी जरूरी है ताकि विवाद उत्पन्न होने की संभावनाएं कम रहें. ऐसी स्थिति में एकदूसरे को समझना बहुत जरूरी है, एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करना जरूरी है. अगर परिवार का मुखिया अपने किसी लड़के को उस की मदद के लिए ज्यादा पैसा दे रहा है तो दूसरे लड़के को उस की परिस्थिति को देख कर अपनी बात रखनी चाहिए. कभीकभी देखा गया है कि हर तरह से संपन्न लड़का ऐसी बातों पर एतराज जताता है. एक घर की बात बताना चाहता हूं. 2 लड़कों में एक सरकारी नौकर है और एक के पास प्राइवेट नौकरी थी जो छूट गई है. मां को पैंशन मिलती है जिस से बेरोजगार लड़के का खर्च अभी चल रहा है. लेकिन सरकारी नौकरी करने वाले लड़के ने मां को हमेशा ताना दिया कि सारा पैसा अपने उस बेटे पर खर्च करती हो. स्थिति ऐसी आई कि जब उस की मां बीमार हुई तो उस लड़के ने कहा कि जिस के ऊपर पैसा खर्च किया, वह इलाज करवाए. आज वह मां दर्द से कराहती है और आंखों से आंसू बहते रहते हैं. सहनशक्ति न होना परिवार में विवाद खड़े करने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं करता. ऐसे में परिवार में कलह होना स्वाभाविक है.
समझदारी से लें काम—
समाज में रहते हुए अपने परिवार के प्रति हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए. आप के ऊपर कोई परेशानी हो या खुशी, परिवार हमेशा आप के साथ खड़ा रहता है. ऐसे में पैसे को ले कर विवाद खड़ा कर आप अपनों से दूर हो सकते हैं. रिश्ते चाहे पारिवारिक हों, पड़ोसी या दोस्ती के, अधिकतर देखा जाता है कि उधार लिए गए पैसे चुका न पाने से विवाद खड़ा होता है जिस में फिर मारपीट, लड़ाईझगड़े होने लगते हैं.
ऐसे मामलों में लोग अपना आपा खो देते हैं और एक बड़े अपराध को जन्म दे डालते हैं. ऐसे हालात में लोगों को समझदारी से काम लेना चाहिए. उधार लेने वाले को भी और देने वाले को भी. लेने वाले को थोड़ाथोड़ा कर चुकाने का प्रयास करना चाहिए. उधार देने वाले को अपने अंदर थोड़ा संतोष रखना चाहिए. एक अच्छी समझदारी ही ऐसे विवादों को रोक सकती है |
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जानिए सुखी दांपत्य जीवन के कुछ टोटके / उपाय—
१. यदि कोई स्त्री रात्रि के समय एक चुटकी सिन्दूर अपने पति के सिराहने रखे और प्रातः बिस्तर पर उठने से पहले (पलंग से उतरने से पूर्व) ही वह सिंदूर अपनी मांग में भर ले तो पति-पत्नी का दाम्पत्य जीवन खुशहाल बना रहेगा।
२. यदि पत्नी सदैव अपने हाथ में पीली चूड़ी पहन के रखे तो भी दाम्पत्य जीवन में प्रेम व सुख बना रहेगा।
३. विवाह पश्चात विदाई के समय यदि एक लोटे पानी में एक चुटकी हल्दी, एक रूपये का सिक्का व गंगाजल डालकर दुल्हन के सर पर से ग्यारह बार उसार कर उसके आगे दाल दिया जाय तो उसका वैवाहिक जीवन सदैव सुखमय बना रहेगा।
४. विवाह से चार दिन पहले साबुत हल्दी की सात गाँठ, पीतल के सात सिक्के, थोड़ा सा केसर, गुड तथा चने की दाल इत्यादि सामग्री क पीले वस्त्र में बांधकर कन्या अपनी ससुराल की देश में ओर उछाल दें। इस टोटके से कन्या का दाम्पत्य जीवन सुखमय बना रहेगा।
५. यदि कभी कोई स्त्री दान करना चाहे तो दान सामग्री में लाल सिंदूर के साथ इत्र की शीशी, चने की दाल तथा केसर अवश्य रखें। इससे पति की आयु में वृद्धि होती है।
६. यदि विवाहित स्त्री नित्य प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करे एवं माँ दुर्गा के १०८ नामों का जाप करे तो उस स्त्री का परिवार खुशहाल और दाम्पत्य प्रेम अटूट बना रहेगा।
७. यदि पुराना खुला ताला सात बार शरीर पर से घडी की उलटी दिशा में घुमाकर अँधेरे में गुपचुप चौराहे पर रख आएं। पीछे मुड़कर ना देखें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के गुरुवार को प्रातः मुँह अँधेरे करें तो उस कन्या का विवाह शीघ्र ही होगा।
८. विवाहित स्त्री अपने दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए यदि प्रतिदिन केले के वृक्ष का पूजन करे साथ ही किसी वृद्धा स्त्री का आशीष ले तो उसे सौभाग्य प्राप्त होता है।
९. लाल रंग के कपडे की थैली में पिली सरसों के साथ दो अभिमंत्रित गोमती चक्र रख दें। एक गोमती चक्र पर पति का नाम तथा दूसरे गोमती चक्र पर अपना नाम लिखें। तत्पश्चात थैली बंद करके अलमारी में रख दें। इससे पति-पत्नी में आपस में प्रेम बढ़ता है।
१०. यदि पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में कलह हो तो अपने शयन कक्ष में पति अपने तकिये के नीचे लाल सिंदूर रखे एवं पत्नी अपने तकिये के नीचे कपूर रखें। तत्पश्चात प्रातः काल पति आधा सिंदूर घर में कहीं भी गिरा दे एवं आधे से अपनी पत्नी की मांग भर दें। पत्नी कपूर जला दे। इससे पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है।
११. यदि स्त्री कनेर के पुष्प क पानी में पीसकर अपने पति के माथे पर तिलक करे तो पति कभी भी किसी अन्य स्त्री से सम्बन्ध नहीं बनाएगा।
१२. संक्रांति के पुण्यकाल में इतवार के अलावा गोमूत्र का छिड़काव पुरे घर में करने से पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है।
१३. पति सदैव केसर मिश्रित दूध का सेवन करे साथ ही काम के लिए जाते समय जीभ पर केसर लगाय तथा पत्नी अपने हाथों में सोने की एक या दो चूड़ियाँ धारण करके रहे , इससे दाम्पत्य जीवन में सदैव सुख शान्ति बानी रहती है।
१४. जब भी घर में कोई खाने पीने की वस्तु आये तो उसे पहले भगवान के चरणों में अर्पित करें। इससे भी वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है।
१५. शनिवार, मंगलवार तथा गुरुवार को जाने-अनजाने में कभी भी नाख़ून नही काटें तथा घर के पुरुष न तो बाल कटवाएं और न ही शेव बनवाएं।
१६. यदि विवाहित स्त्री नियमित रूप से प्रत्येक चमेली का दीपक जलाकर श्रद्धा सस्वर सही सुन्दर कांड का पाठ करे तो दाम्पत्य जीवन तथा गृहस्थ जीवन निर्विघ्न व्यतीत होता है।
१७. वैवाहिक सुख की प्राप्ति और अनबन के निवारण के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवती दुर्गा की प्रतिमा के सामने दीया और अगरबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित करें। अब नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें। ज्योतिषी औऱ पंडितों का मानना है कि ऐसा करने से कुल 21 दिनों में ही सुख-शांति का वातारण व्याप्त हो जाएगा-
मंत्र
धां धीं धूं धूर्जटे! पत्नी वां वीं वूं वाग्धीश्वरि।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि! शांत शीं शूं शुभं कुरू।
१८. अक्सर महिलाओं में यह शिकायत की जाती है कि उनके पति उऩको प्यार नहीं करते हैं ,इसके पीछे तमाम तरह कारण हो सकते हैं पर, ज्योतिष यानि ग्रह नक्षत्रों का भी अहम होता है। इसलिए ज्योतिष इस रिश्ते की बीच प्यार को पनपाने के लिए कई उपायों का सृजन करता है जिनके प्रयोग से इन रिश्तों के बीच प्यार पनप जाएगा।पति और पत्नि का रिश्त बहुत ही अहम माना जाता है। इस दुनिया में पति और पत्नि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं इसलिए इनके रिश्ते के बीच प्यार का होना बहुत ही अहम समझा जाता है । पर अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पति और पत्नि के बीच इस आधूनिक युग में तमाम तरह की समस्याएं आ जाती हैं जिससे उनका रिश्ता बिगड़ जाता है ।
ज्योतिष के अनुसार कई तरह की सलाह दी जाती है, उन्हीं में से एक है पुखराज को पहने जाने की । दरअसल ज्योतिष के अनुुसार ऐसा माना जाता है कि अगर महिलाएं अपने पति का प्यार पाना चाहती है तो उन्हें पुखराज रत्न को पहनाना चाहिए । ये रत्न ग्रह के हिसाब से काम करता है और जल्दी ही उनकी जिंदगी में पति के प्यार को लेता है । जो भी महिलाएं पुखराज को पहनना चाहती है वे ज्योतिष की सलाह के आधार पर पुखराज को धारण कर सकती है।