इस वर्ष दीपावली से पूर्व 21 से 27 अक्टूबर 2019 के बीच इन 7 दिनों में खरीदी के कई विशेष शुभ मुहूर्त और शुभ योग आ रहे हैं, जिन्हें ज्योतिष की दृष्टि से शुभफल देने वाला माना गया है।
हर दिवाली पर आम लोग पुष्य नक्षत्र का इंतजार करते हैं।
पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति और शनिदेव इस नक्षत्र के दिशा प्रतिनिधि माने जाते हैं। बृहस्पति शुभता, बुद्धिमता और शनि स्थायित्व का प्रतीक हैं। इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। पुष्य को समृद्धिदायक और शुभ फल प्रदान करने वाला नक्षत्र बताया गया है। विशेषकर महंगी खरीदी इस नक्षत्र में की जाती है। इस नक्षत्र में गाड़ी, मकान, दुकान, कपड़े, सोना, चांदी, बर्तन, भूमि, भवन आदि की खरीदी कर सकते हैं। पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदने का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से समृद्धि आती है। इस दौरान की गई खरीदी अक्षय रहेगी, जिसका कभी क्षय नहीं होता है।
21 अक्टूबर को सोम पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
22 अक्टूबर को भौम (मंगल) पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन भी सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। दीपावली के पहले पुष्य नक्षत्र में की गई हर तरह की खरीदारी अक्षय फल देती है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है, जो लंबे समय तक रहने वाला ग्रह है, इसलिए इस नक्षत्र में की गई खरीदी लंबे समय तक साथ रहती है।
इस वर्ष सोना, चांदी, बर्तन, जमीन, मकान की खरीदी के लिए पुष्य नक्षत्र 23 घंटे सात मिनट रहेगा। 21 को जहां सोमवार रहने से सोम पुष्य और 22 को मंगलवार रहने से भौम पुष्य का संयोग बनेगा। ज्योतिर्विदों के मुताबिक पहले दिन सोना, चांदी, बर्तन, वाहन आदि की खरीदी अधिक मंगलकारी, जबकि मंगलवार को भौम पुष्य नक्षत्र होने से मकान, दुकान, जमीन और स्थायी संपत्ति की खरीदी अधिक हितकारी मानी गई है। पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 21 अक्टूबर को शाम 5.31 बजे से होगी, जो अगले दिन 22 अक्टूबर को शाम 4.38 बजे तक रहेगा। दोनों दिन इसके साथ ही विभिन्न शुभ संयोग भी रहेंगे। 22 अक्टूबर को सुबह 10.55 बजे तक साध्य और इसके बाद शुभ योग लग जाएगा।
वहीं ज्योतिर्विद पण्डित रामदयाल पांडेय के अनुसार, “पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार शाम 5.33 से दूसरे दिन 22 अक्टूबर मंगलवार को शाम 4.40 तक है। इस नक्षत्र में गाड़ी, मकान, दुकान, सोना, बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगी।”
जानिए सोमवार को पुष्य नक्षत्र पर सोना और भौम पुष्य पर भूमि खरीदी के लाभ– : रतलाम के ज्योतिषाचार्य राज ज्योतिषी पंडित अभिषेक जोशी बताते हैं, “21 अक्टूबर को सोना, चांदी और अन्य कीमती चीजों की खरीदी की जाना चाहिए।
22 अक्टूबर को भूमि, मकान, धातु की खरीदी के लिए श्रेष्ठ समय है। मंगल जमीन, भवन की खरीदी के लिए भी शुभ माना जाता है। व्यापारी इस दिन बहीखाता, कलम, दवात और पंचांग आदि खरीदें।”
26 अक्टूबर की दोपहर तक रहेगी धनतेरस —कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी नेे बताय कि 25 अक्टूबर शुक्रवार को त्रयोदशी सुबह 7.08 बजे शुरू होगी और 26 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 3.47 बजे तक रहेगी। धनतेरस के दिन बर्तन व अन्य कई तरह की चीजें खरीदने की परंपरा और मान्यता है। वहीं इस दिन सोने की खरीदारी करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। धनतेरस धन और तेरस दो शब्दों के मेल से बना है।प्रचलित मान्यता अनुसार धनतेरस के दिन लक्ष्मी के साथ धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुंद्र मंथन से धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। धन्वन्तरी के हाथों में अमृत से भरा कलश था। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और यमदेव की पूजा अर्चना का विशेष महत्त्व है। धनतेरस के दिन पूजन मुर्हुत शाम 19 बजकर 8 मिनिट से से रात 20 बजकर 14 मिनिट तक का है।
यह रहेगा धनतेरस 2019 पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त :–
19:10:19 से 20:15:35 तक
अवधि : 1 घंटे 5 मिनट
प्रदोष काल : 17:42:20 से 20:15:35 तक
वृषभ काल : 18:51:57 से 20:47:47 तक
इस वर्ष धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्धि योग के कारण इस दिन खरीदी और पूजन का महत्व बढ़ गया है।
तारीख | योग | क्या खरीदें |
15 अक्टूबर | अमृत सिद्धि | नया काम शुरू, निवेश प्लान |
16 अक्टूबर | सर्वार्थ सिद्धि | सभी तरह की खरीदारी |
17 अक्टूबर | करवा चौथ | सुहाग का सामान और आभूषण |
18 अक्टूबर | रोहिणी नक्षत्र | हीरा या हीरे से बने आभूषण |
19 अक्टूबर | रवि योग | इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन। |
20 अक्टूबर | रवि योग,त्रिपुष्करयोग | खाद्य सामग्री, सजावटी सामान। |
21 अक्टूबर | सोम पुष्य-सर्वार्थ सिद्धि | चांदी, बर्तन की खरीदी |
22 अक्टूबर | मंगल पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि | जमीन, मकान की खरीदी। |
25 अक्टूबर | धनतेरस- सर्वार्थ सिद्धि | बर्तन, सभी तरह के सामान |
27 अक्टूबर | दीपावली | सोना-चांदी, सिक्के, लक्ष्मी प्रतिमा। |
दीपावली और लक्ष्मी पूजा- रविवार, 27 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त —
रात में 18:44 से 20:14 तक..
प्रदोष काल–
17:40 से 20:14 तक ..
वृषभ काल–
18:44 से 20:39 तक..
दीपावली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त —
23:39 से 24:30 तक ..
महानिशीथ काल
23:39 से 24:30 तक …
सिंह काल
25:15:33 से 27:33:12 तक…
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त–
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)
13:28 से 14:52 तक ..
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)–
17:40 से 22:29 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)….
25:41:26 से 27:17:36 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)…
28:53:46 से 30:29:57 तक..