कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा

0
143

कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा
ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा

कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता
किसी दिन किनारा भी बदल जाएगा

दूसरों के भरोसे ही ज़िंदगी गुज़ार दी
वक़्त बदलते सहारा भी बदल जाएगा

झूठ की उम्र लम्बी नहीं हुआ करती
ये ढोल ये नगाड़ा भी बदल जाएगा

गिनतियों की उलटफेर में मत पड़ो
रात ढलते पहाड़ा भी बदल जाएगा

सलिल सरोज

Previous articleवो इस कदर बरसों से मुतमइन* है
Next articleयह खेल खतरनाक है,खेल को समझिए जरा
सलिल सरोज
कार्यकारी अधिकारी लोक सभा सचिवालय संसद भवन शिक्षा: सैनिक स्कूल तिलैया,कोडरमा,झारखण्ड से 10वी और 12वी उतीर्ण। जी डी कॉलेज,बेगूसराय,बिहार से इग्नू से अंग्रेजी में स्नातक एवं केंद्र टॉपर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ,नई दिल्ली से रूसी भाषा में स्नातक और तुर्की भाषा में एक साल का कोर्स और तुर्की जाने का छात्रवृति अर्जित। जीजस एन्ड मेरी कॉलेज,चाणक्यपुरी,नई दिल्ली इग्नोउ से समाजशास्त्र में परास्नातक एवं नेट की परीक्षा पास। व्यवसाय:कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा,वैज्ञानिक विभाग,नई दिल्ली में सीनियर ऑडिटर के पद पर 2014 से कार्यरत।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here