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आंसू बहा रही कुमारी टुसू ; भादू भी अलविदा कह चुकी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
14 जनवरी पर विशेषउत्तम मुखर्जीजो माटी अपनी भाषा-संस्कृति से मुंह मोड़ लेती है वह तरक्क़ी की राह पर कुछ कदम चलकर ही लड़खड़ाना शुरू कर देती है । यही हाल झारखण्ड का है । बीस साल बाद भी यहां की भाषा-संस्कृति रहनुमाओं का बाट जोह रही हैं । अलग राज्य…