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कुर्सी बनी जड़,छिड़ा सियासी रण। - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वास्तव में राजनीति एक ऐसी प्रयोगशाला है जिसमें सबकुछ संभव है, राजनीति में कभी भी कुछ भी निर्धारित नहीं होता। क्योंकि, आज के समय में राजनीति ने जिस प्रकार से अपना रूप एवं स्वरूप बदला है वह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है, बदलते समय की बदलती हुई राजनीति…