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‘क्या खोया क्या पाया’ - एक समीक्षा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रवक्‍ता ब्‍यूरो सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विषयों पर हिन्दी साहित्य में बड़ी संख्या में कई उपन्यास लिखे गए किन्तु विपिन किशोर सिन्हा का अद्यतन उपन्यास ‘क्या खोया क्या पाया’ कई मायनों में उन कथाओं से हटकर है क्योंकि इसमें न केवल कथासार है, सामाजिक विद्रूपताओं का जिक्र है, वैज्ञानिक ताना-बाना…