pravakta.com
मजदूर दिवस - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मना रहे है हर वर्ष मजदूर दिवस,फिर भी मजदूर आज भी विवश।बदल नही पाए उसकी विवशता,चाहे मना लो तुम कितने दिवस।। जो बनाता है मकान दुसरो के लिए,नही बना सका मकान खुद के लिए।वह मर रहा है आज भी देश के लिए,बताओ कौन मर रहा है उसके लिए।। कितने ही…