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लेकिन किसी के दिल को दुखाना भी नहीं है.....
इक़बाल हिंदुस्तानी बच्चे की ज़िद है महंगी बहाना भी नहीं है, मिट्टी के खिलौनों का ज़माना भी नहीं है। दुश्मन से डरके हाथ मिलाना भी नहीं है, मेरे सिवा तो कोई निशाना भी नहीं है। चाहता नहीं उसे मैं, छिपाना भी नहीं है, उस शख़्स को इस ग़म में रुलाना…