pravakta.com
बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध ले - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
और वर्षों की तरह यह वर्ष भी बीत गया| हर बार की तरह ही मैं इस बहस में उलझा हुआ हूँ कि हमने क्या खोया-क्या पाया? काफी सोचने के बाद भी मैं किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पा रहा हूँ| मैं इतना दिग्भ्रमित हूँ कि समझ नहीं आ रहा कि…