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अपने प्यार का कुछ भरम तो रहने दो - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अपने प्यार का, कुछ भरम तो रहने दो |अपने अहसानों का कुछ बोझ तो रहने दो ||भले ही प्यार न करो,सितम्ब तो रहने दो |अभी तो शुरुआत थी,अब उसको रहने दो ||छीनो न सभी चीजे,कुछ मेरे पास रहने दो |उन्हें मेरे मरने जीने का सहारा रहने दो ||नफरत करने…