आओ बनें बाल अधिकार मित्र – रामकुमार विधार्थी

रेल्वे प्लेटफार्म पर           बाल अधिकार मित्र

                                      M      F      T

भोपाल                             30     5      35

इटारसी                            20     5      25

कटनी                              43     5      48

कुल                               93    15    108

बच्चों का एक ऐसा दोस्त जो बच्चों के कोमल मन को समझते हुए उनसे बात करे ,उनकी समस्याओं को हल करे उन्हें एैसा वातावरण प्रदान करे जो एक परिवार मे उन्हे मिलना चाहिये ………..

जिस तरह हम और आप अपने हम उम्र मित्रों से अपने सुख दुख के बारे मे चर्चा करते है उसी प्रकार एक बच्चा भी अपनी जिन्दगी के हर पहलु जिसमे उसे खुषी या ग़म मिला हो वह हमसे चर्चा करे और हम एक दोस्त होने के नाते उसकी बातों को सुनते . समझते हुये उसे उचित सलाह दें ।

बाल अधिकार मित्र की जरूरत क्यों

वर्तमान में यदि हम देखे तों जनसंख्या के 42 प्रतिषत बच्चें जो बाल अधिकार समझौते के 20 वर्ष वाद भी अपनें अधिकारों से वंचित है। जो आर्थिक सामाजिक तथा रोजी रोटी की चिंता मे प्लेटफार्म व फुटपाथ पर असुरक्षा मे जीवन यापन करता है वे अपने अधिकारों के अभाव में कर्इ बच्चें दोयम दर्जे का जीवन जीने पर मजबूर हर्ै उन्हे उनका हक दिलाने के लिये, बाल षोषण से मुक्त करने के लिये एवं उनके बेहतर भविष्य के लिये , षासन के साथ पैरवी करने के लिये बाल अधिकार मित्र के रूप मे जुड सकते हैं।

भारत की वचन बद्धता व अन्र्तराष्ट्रीय समझौते के साथ

संयुक्त राष्ट्र संघ बच्चों के लिये चिंतित है और इसी चिन्ता के चलते इस संघ की महासभा मे 20 नवम्बर 1959 की बैठक मे बच्चों के अधिकारों का एक घोषणा पत्र जारी किया गया था जिसमे एक लंबे अंतराल के बाद 20 नवम्बर 1989 को संघ मे षामिल देषों के साथ साथ भारत देष ने सहमति जताते हुये सन 1992 मे सी़. आर. सी. पर हस्ताक्षर किये जिसे हम बाल अधिकार समझोते के नाम से जानते है।

कौन बन सकते हैं बाल अधिकार मित्र

ऐसे संवेदनषील व्यकित जिन्हे बच्चों के अधिकार से सरोकार है और इन अधिकारों के संरंक्षण हेतु स्व प्रेरणा से आगे आये हों। यदि आप बच्चों के प्रति संवेदनषील हैं तो आप बाल अधिकार मित्र के रूप मे जुड सकते हैं।

क्या कर सकते हैं अलग से कुछ नही ,आप जो व्यवसाय करते है उसी मे रहतें हुये बच्चों को किस तरह सुरक्षित माहौल प्रदान कर सकते हैं यह देखना होगा।

• बालश्रम अधिनियम के अन्र्तगत 6 से 14 वर्ष का कोर्इ बच्चा अगर किसी होटल , ढावा , प्लेटफार्म या अन्य किसी भी जगह पर काम करते हुये मिलता हैं जिससे उसके षारीरिक मानसिक विकास मे बाधा हो रही है तो आप उसे कार्य करने से रोक सकते है।

• किषोर न्याय अधिनियम के अन्र्तगत यदि बच्चा प्लेटफार्म या अन्य किसी स्थान पर

अनाथ या बेसहारा मिले तो आप उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर सकते है।

• आप ऐसे बच्चे को स्वयं सेवी संस्थाओं के आश्रय गृह मे भेज सकते हैं।

• विषेष किषोर पुलिस इकार्इ को सौंप सकते है।

• किसी भी थाने के बाल कल्याण अधिकारी को बच्चे को सौंप सकते है।

• यह समझते हुये कि बच्चे को अपने व्यकितत्व और सुसंगत विकास के लिये परिवार के बीच खुषी प्रेम स्वतंत्रता के वातावरण मे बढ़ना चाहिये, उनकी घर वापसी में सहयोग कर सकते हैं।

• बाल अधिकारों पर कार्य करने वाली षासकीय-अषासकीय संस्थाओें और बच्चों के बीच सेतु की भूमिका मे काम करना।

कहां संपर्क करें…

निवसीड बचपन भोपाल

फोन नं .: 0755-2461161

226,रोहित नगर फेज 1 ,बावडियाकला भोपाल

र्इ.मेल:  niwcydbhopal@gmail.com

 

कटनी का कोढी मोहल्ला: यह क्षेत्र स्टेषन से लगा हुआ है यहा पर करीब 42 परिवार रहते है जो अपना जीवन यापन मजदूरी भीख मांगना ट्रेनों में गुटका खीरा आदि बेचकर अपना जीवन यापन करते है यहा पर अधिकत्तर लोग अषिक्षित है 0से 6 साल की 12 बचिचयां हैं इनका ज्यादा समय प्लेटफार्म पर ही बीतता है।

 

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