जिन्दगी तेरे एहसान बहुत है

0
161

जिन्दगी तेरे एहसान बहुत है |
दिल में मेरे अरमान बहुत है ||
किसको जोड़े,किसको घटाये |
नेक काम कम है जुर्म बहुत है ||

देखने को तो स्वपन बहुत है |
करने को तो काम बहुत है ||
अपने गिरेवान में झांको तो |
अपने में तो कमी बहुत है ||

जिन्दगी कम है काम बहुत है |
न करने के तो बहाने बहुत है ||
कब तू अच्छे काम करेगा ?
कहता है तू समय बहुत है ||

आर के रस्तोगी 
मो 9971006425

Previous article“आर्यसमाज के विद्वानों, नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को निःस्वार्थ भाव एवं निर्भीकतापूर्वक वेदों का प्रचार करना चाहिये”
Next articleये बंधन क्यों?
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here