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नए दौर में नए तरीके से हो साहित्य पत्रकारिता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
· डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' पुनर्जागरण और नवाचार को भीतर समाहित कर, आवाम के मनोभावों को शब्दों के धागे में पिरोकर, चेतना के ऊर्ध्वाधर आभामंडल में, स्वच्छता, स्वच्छंदता और सर्वांगीण विकास की इमारतों का निर्माण करने वाली वैचारिक शक्ति को संसार साहित्य मानता है, और इसी के भीतर वह शक्ति…