कोई जीते कोई हारे, ये सब हैरान कर देंगे |
मतों के दान के बदले, क़हर प्रतिदान कर देंगे |
जो हारेंगे वे भरपाई, करेंगे लूट जनता को,
जो जीतेंगे वसूली का , खुला मैदान कर देंगे |
करेंगे क्षेत्र को विकसित,ये कहते हैं हमेशा सब,
जहां मौका मिला,परिवार का उत्थान कर देंगे |
कहा तो है करेंगे, देश उन्नत हम सदा पहले,
प्रथम घरद्वार छैः मंजिल यही ‘श्रीमान’ कर देंगे |
किया वादा गरीबी को, मिटाने का मिटा देंगे,
घटा कर दर गरीबी की,सभी धनवान कर देंगे |
दिखाने को मचाते शोर कितना रोज़ संसद में,
मचाने लूट ये मिलकर,नया कुछ प्लान कर देंगे|
ये गाते भोर में गाने, बहुत से देशभक्ति के,
फंसे जो गांठ का पूरा, तुरत हलकान कर देंगे |
कहां अपनी कहां सबकी ये इज़्ज़त मानते कब हैं,
लगे मौका तो भारत की ये गिरवीं शान कर देंगे |
कमाने के लिये रूपया,न छोड़ें ये कसर बाकी,
मिले मौका अगर, नीलाम हिदुस्तान कर देंगे |
कहां तक ‘राज’ गिनवाएं,गुणों की खान हैं नेता,
ये अपनी जीत की खातिर,शहर वीरान कर देंगे |
बहुत सुंदर। कमाने का अर्थ मेहनत से प्राप्त करना होता है और मेहनत से तो इनका दूर का भी नाता नहीं है| “कमाने के लिये रूपया,न छोड़ें ये कसर बाकी” इस प्रकार बदल देते हैं–“चुराने के लिए रूपया, न छोड़ें ये कसर बाकी!”
Very well written but see Gujarat under Narendra Modi so let us give him a try with our votes and the things would change for the better.