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आधुनिकता के शोर में गुम हुई वास्तविकता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
लिमटी खरे जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे नए प्रयोगों से चीजें इजाद हो रही हैं। आज दौड़ भाग भरी जिंदगी में दो पल सुकून के किसी के पास नहीं हैं। आम तौर पर यह धारणा है कि आधुनिक चीजें पहले से परिष्कृत और बेहतरीन हैं। कुछ…