लव जिहाद- एक सुनियाेजित इस्लामी षड्यंत्र

: डॉ मनोज चतुर्वेदी

समाचार क्रमांक 1.
(केरल) केरल की हादिया अर्थात्  25 साल की अखिला मां- पिता से अलग हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेगी . माननीय  sc ने कहा पति अभिभावक नहीं हो सकता. पत्नी उसकी जायदाद नहीं .28 नवंबर 20017

समाचार क्रमांक -2
(मुंबई):

पूर्व मॉडल का मुस्लिम पति पर आरोप ,जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश, मना किया तो पीटा .
महिला ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसकी जान को खतरा है. उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. बांद्रा में रहने वाली पीड़ित महिला रश्मि शाहबाजकर ने पुलिस को बताया कि उरण की आसिफ से उसकी 13 साल पहले शादी हुई थी. दोनों का एक 7 साल का बेटा भी है लेकिन इसी बीच आसिफ ने दूसरी शादी कर ली. दोनों ही पत्नी एक साथ रहती है और उसके साथ जबरन इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा है.
18 नवंबर 2017

समाचार क्रमांक -3(वलसाड):
मुस्लिम युवक ने हिंदू बनकर की शादी.

गुजरात के वलसाड शहर से एक पत्नी ने अपने पति पर आरोप लगाया है कि वह मुस्लिम है जो कि शादी से पहले उसने खुद को हिंदू बताया था . इस व्यक्ति पर यह आरोप है कि उसने शादीशुदा होने के बावजूद खुद को हिंदू बताते हुए 2009 में उससे भी शादी कर ली .शादी के बाद इमरान ने लड़की के माता-पिता से बिजनेस करने के नाम पर 72 लाख रुपए ले लिए और फिर 3 साल तक गायब हो गया .पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार कर लिया है. 2/1/ 2015

उपर्युक्त समाचार देश के भिन्न-भिन्न भागों में लव जेहाद को लेकर होने वाली घटनाओं में से कुछ चुनिंदा है .अब हम लव जिहाद के गुप्त रहस्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं तथा उसका विश्लेषण करना चाहते हैं.

भारत और संस्कृति एक रुप हैं. इसीलिए भारतवर्ष की व्याख्या ब्रह्मावर्त ,ब्रम्हर्षि देश ,मध्यदेश ,आ्र्यावर्त, कन्याकुमारी से हिमालय तक के कुमारीखंड से आगे बढ़कर नवद्वीप वती तक पहुंची और भारत ने वृहत्तर भारत का रूप प्राचीन काल में धारण किया था . भारतीय मनीषा ने एकं सद्विप्रा बहुधा वदंति स्म नामक दर्शन का विकास किया तथा उसी का प्रचार किया. उसने संपूर्ण बसुधा में वैचारिक  मतभेद को स्थान न देते हुए- एक आत्मा,  सांस्कृतिक  राष्ट्रवाद, बहुदेववाद को प्रतिष्ठापित किया. उसने यह प्रतिपादित किया इस संसार की सारी नदियां टेढ़ी-मेढ़ी  मार्गाें से होते हुए समुद्र में समा जाती है . ठीक उसी प्रकार समस्त विश्व के मात – पंथ उसी एक परमात्मा में आकर मिल जाते हैं. लेकिन भारत अपनी अहिंसात्मक, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व, प्रेम, सद्भाव आदि मूल्यों के कारण धीरे -धीरे आतताइयों से प्रभावित होने लगा . अरुण यह मधुमय देश हमारा नाम से सुप्रसिद्ध भारत माता को आक्रांताओं ने ग्रस लिया.
किंतु कालक्रम से यह सीमाएं सिकुड़ती गईं और आठवीं शताब्दी में भारत में एक ऐसी विचारधारा का प्रवेश हुआ, जिसे उपासनात्मक विविधता स्वीकार्य नहीं थी .जो अपनी उपासना पद्धति को ही पूर्ण और अंतिम सत्य मानती थी. जो एक पुस्तक और एक पैगंबर के प्रति अंधश्रद्धा न रखने वालों को काफिर कहती थी .उसकी दृष्टि में काफिरों को येन -केन प्रकारेण अपने रास्ते पर लाना ही सबसे बड़ा पुण्य कार्य था ,अन्यथा उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं.. इस विचारधारा में देशभक्ति एवं राष्ट्रीयता के लिए कोई स्थान नहीं है. वह मजहब को ही सामूहिक पहचान का आधार मानती थी. जियाउद्दीन बरनी ,शेख अहमद सरहिंदी ,शाहवली उल्लाह से लेकर सैयद अहमद बरेलवी और 19वीं शताब्दी में स्थापित देवबंद के दारुल उलूम का एकमात्र प्रयास भारतीय मुसलमानों को भारत की वेशभूषा, जीवन शैली ,भाषा और इतिहास से दूर करके अरबी सांचे में ढालना रहा है .इन लोगों ने इस्लाम पूर्व भारतीय इतिहास को जहिलिया घोषित कर दिया.भारतीय पूर्वजों और महापुरुषों को अस्वीकार करके विदेशी आक्रमणकारियों को इन्होंने अपने महापुरुष मान लिए. उन्हें राम और कृष्ण स्वीकार्य नहीं है जबकि बाबर और औरंगजेब शिरोधार्य है .
पिछली कई शताब्दियों से इसी मानसिकता को लेकर भारत में आक्रमण होते रहे हैं और भारत की संस्कृति, धर्म ,सभ्यता सभी पर एकछत्र शासन की कल्पना इस्लाम का प्रधान स्वप्न रहा..   . भारत में स्वतंत्रता के पश्चात इस्लाम प्रधान पाकिस्तान देश मिलने के बाद भी भारत पर एकछत्र शासन की तमन्ना इस्लाम  को मानने वालों के मन से नहीं गई. परिणामत: भारत में 1950 के दशक के बाद कभी प्रत्यक्ष ,कभी छद्म रूप से घुसपैठ ,युद्ध ,आक्रमण, और आतंकी गतिविधियां चलती रहीं.
किंतु पिछले दो दशकों में इस्लामी आतंकियों ने अपने आक्रमण का तरीका कुछ बदला है. अब उन्होंने भारत को भावनात्मक रूप से शोषित करने का और घात पहुंचाने  की तरकीब निकाली है . अब उन्होंने प्रेम का रास्ता चुना है. प्रेम जैसी महक मादक वस्तु को भी हथियार बना डाला.
भारत प्रेम प्रधान रहा है .प्रेम शास्वत वस्तु है .शाश्वत आत्मा का शाश्वत धर्म है. यह संवेग प्राण और देहजन्य वृति नहीं है .इसका ना आदि है ,न अंत है .प्रेम उज्जवल, कोमल ,स्नेह ,सदा एकरस रहने वाला ,सहज स्वच्छंद, मधुर ,मादक ,भाव है. प्रेम के एक क्षण पर अन्य सुखों की करोड़ों कल्प न्योछावर किए जा सकते हैं. प्रेम दो व्यक्तियों का एक- दूसरे के प्रति ,संपूर्णता के साथ, सच्चाई के साथ, समर्पण का भाव है.
किंतु आज कामना एवं इच्छा प्रधान संसार में प्रेम का वास्तविक अर्थ विलुप्त हो गया है .आज युवावस्था में प्रवेश करते युवक -युवती परस्पर आकर्षण और लगाव मात्र को ही प्रेम मान लेते हैं .मात्र उपहारों के छलावे और शब्दों के मोहजाल में युवा वर्ग फंसकर अंजानी राह पर चलने को तैयार हो जाता है. जो आगे चलकर ना केवल उस युवक या युवती के लिए बल्कि उसके आस-पास के लोगों तथा समाज के लिए भी घातक होता है. ख्वाबों- ख्यालों में डूबे हुए लोग जब तक चेतते हैं .तब तक परिस्थितियां पूरी तरह विपरीत हो चुकी होती हैं. भारत पूरे विश्व में एकमात्र भावना प्रधान देश है. जहां आदिकाल से ही प्रेम को महत्व दिया जाता रहा है. सीता-राम ,राधा- कृष्ण, शिव- पार्वती  व हीर -रांझा ,सोनी -महिवाल, लैला मजनू के किस्से आज भी सिनेमा और साहित्य में भरे पड़े हैं .इसी प्रेम का सहारा लेकर इस्लामी जिहादी आतंकी संगठन पिछले दो दशकों से भारतीय युवा वर्ग में जहर घोल रहा है .इतिहास गवाह है कि भारत तलवार से नहीं बल्कि प्रेम के कच्चे धागों में बंध कर रिश्तों को मजबूती से निभाता रहा है .
आज भारत में आतंकी संगठन ‘प्रेम ‘को हथियार बनाकर, गैर -मुस्लिमों को फंसाकर ,उनका ब्रेनवाश कर उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं . यह उनके ‘जिहाद’ का एक भावनात्मक हथियार है. वास्तव में पाकिस्तान समर्थित ,पुष्पित-पल्लवित होते आतंकियों ने समझ लिया कि भारत को हथियार के बल पर काबू नहीं किया जा सकता…. हां.. प्रेम को हथियार बनाकर धर्मांतरण कर अपनी इस्लामिक शक्ति और संगठन को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने अपने जिहाद के लिए इसे आसान रास्ता माना .
जिहाद का वास्तविक अर्थ अगर पूछा जाए… तो इस्लाम के कठमुल्ले भी इसे नहीं बता पाएंगे. क्योंकि इस्लाम में जहां ‘जिहाद ‘की व्याख्या है .वहां मजहब की रक्षा के लिए किसी दूसरे से युद्ध की छोटी लड़ाई कहा गया है .असल जिहाद उसे कहा गया है जिसमें आदमी अपने भीतर के अहंकार, स्वार्थ और गुस्से के विरुद्ध संघर्ष करके, अपने -आप को बेहतर इंसान बनाए. इसके लिए शब्द प्रयोग किया गया है..नफ्ज.
‘नफ्ज’  के खिलाफ लड़ाई को ‘जिहाद ‘कहा गया है .’नफ्ज’ के अंतर्गत अहम , स्वार्थ, सुविधाएं आदि बातें आती हैं.

लेकिन इस्लाम में प्रयुक्त जिहाद शब्द से इतर आतंकी इस शब्द का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं. इसके अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं .
आजकल ‘लव जिहाद’ का एक नया रूप  देखने में आ रहा है .यह लव जिहाद या रोमियो जिहाद एक षड्यंत्र है .जिसके तहत युवा मुस्लिम लड़के या लड़कियां गैर- मुस्लिम लड़के या लड़कियों के साथ प्यार का ढोंग करके ,उनका धर्म परिवर्तन करते हैं .यह शब्द भारत  के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है .
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने जून 2014 में विधानसभा में जानकारी दी थी कि –2667 युवतियां गत एक दशक में प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं. वर्ष 2009 में केरला के कैथोलिक बिशप काउंसिल ने 4500 लड़कियों द्वारा इस्लाम धर्म कबूल करने की बात कही थी.
अक्टूबर 2009 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने ‘लव जिहाद’ को एक गंभीर मुद्दा माना .
टाइम्स ऑफ इंडिया की 26 जुलाई 2010 को प्रकाशित एक खबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने कहा था कि- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट जैसे संगठन दूसरे धर्मों की लड़कियों को फुसलाकर उनसे शादी करके, इस्लाम कबूल करवाने की साजिश रच रहे हैं और अगले 20 सालों में केरल का इस्लामीकरण करने की योजना बना रहे हैं. दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी करके लव जिहाद के जरिए सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ा जा सकता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी कई मामले सामने आने लगे कि लव जिहाद ने उत्तर प्रदेश में भी अपने पैर पसार लिए हैं .इस तरह के किसी भी काम में शामिल लोग किसी मजहब के नहीं हो सकते. इन्हें देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए बाकायदा पैसा दिया जाता है .अनेक मामलों में यह आतंकी और जिहादी दूसरे धर्म का होने का छलावा करते हैं और लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं.
गत वर्ष झारखंड की राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव जो लव जिहाद का शिकार हुई थी,.. ने भी आपबीती सुनाई. उसके अनुसार रंजीत कुमार कोहली नामक युवक से प्रेम करने  और विवाह के पश्चात उसे पता चला कि वास्तव में वह हिंदू युवक नहीं बल्कि मुस्लिम युवक रकीबुल हसन खान था .विवाह के बाद इसने तारा शाहदेव पर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया. इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की जाती थी. कई बार कुत्ते से कटवाया गया था कि वह डर से धर्म परिवर्तन कर ले .
वास्तव में आज हर मोहल्ले, कालेज, सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लव जिहाद अपनी पैठ बना चुका है .महंगे उपहारों ,शब्दों के मोहजाल और सुंदर कद -काठी वाले मुस्लिम युवक बड़े आसानी से हिंदू धर्म की सामान्य और निम्न वर्गीय परिवारों की लड़कियों को फंसाते हैं. उनका शारीरिक- मानसिक शोषण कर उन्हें इस्लाम कबूल करवा कर ,धर्मांतरित कर ,मुस्लिमों की संख्या में वृद्धि करवा रहे हैं .दरअसल लव जिहादी का एक खुशहाल ,शादीशुदा जिंदगी बसर करने का कोई इरादा नहीं होता .वह या तो हिंदू लड़की को अपनी रखैल बनाकर रखता है या कुछ समय बाद उसे तलाक दे देता है या उसे अरब भेज देता है या उसके अश्लील वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल देता है और उसे वेश्यावृत्ति करने को मजबूर करता है.
वर्ष 2016 में नई दिल्ली मंगोलपुरी क्षेत्र में रहने वाली एक युवती ने आत्महत्या कर ली और आत्महत्या का कारण उसकी चिट्ठी से प्राप्त हुआ कि वह अपने मुसलमान प्रेमी मोहम्मद एजाज से बुरी तरह तंग आ चुकी थी. वह उस पर लगातार शारीरिक संबंध बनाने तथा धर्मांतरण करने का दबाव बना रहा था .इसी कारण उसने आत्महत्या का रास्ता चुना .
इसके अतिरिक्त दिसंबर 2015 फैजाबाद में भी हिंदू युवती का विवाह धोखे से जिहादी युवक से हो गया. यहां मुस्लिम युवक ने एक हिंदू युवती से जबरन कोर्ट मैरिज कर लिया .
इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद की महिला संगठन तथा उत्तर भारत की दुर्गा वाहिनी संयोजिका सरोजिनी ठुकराल ने यह बताया कि– हिमाचल प्रदेश में लव जिहाद जैसी घटनाएं अपनी जड़ें जमाने लगी हैं. क्योंकि यहां की अनेक युवतियां प्रदेश के सीमांत राज्य जम्मू -कश्मीर में पढ़ने जाती हैं और वहां उनका धर्म परिवर्तन कर उनसे शारीरिक -मानसिक शोषण किया जा रहा है .यही नहीं.. जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी के बेटे ने भी हिंदू युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उससे विवाह कर उसका धर्मांतरण करा दिया.
भारत के ही नागरिकों को आतंकी लव जिहाद में फंसाकर कैसे ब्रेनवाश कर, उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल कर लेते हैं .इसका एक उदाहरण यहां प्रस्तुत है–

वर्ष 2004 जून में लश्कर-ए-तोएबा के आतंकवादी के रूप में जावेद शेख अपनी दोस्त इशरत जहां और अन्य आतंकवादी साथियों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए सशस्त्र आगे बढ़ रहा था .तभी पुलिस की गोलियों से सभी मारे गए.. तथाकथित निर्दोष इशरत जहां के लिए सभी वामपंथिंयों का हृदय हाहाकार कर उठा था .किंतु बाद में प्रमाण से पता चला कि ….यह सभी लश्कर-ए-तोइबा के सदस्य थे .इस में सबसे बड़ी आश्चर्यजनक घटना यह थी कि –केरल के गोपीनाथ पिल्लै ने अपने पुत्र प्रणेश कुमार  को आतंकवादी जावेद शेख की लाश के रूप में पाया .जबकि उन्होंने सन 1988 में अपने पुत्र प्रणेश को पुणे में इलेक्ट्रीशियन के प्रशिक्षण के लिए भेजा था. जहां प्रशिक्षण के बाद उसे नौकरी के लिए कंपनी में भेज दिया गया था. वहां उसका संबंध साजिदा से हो गया और साजिदा के प्रेम में पड़कर केरल का प्रणेश कुमार पिल्लै ‘ जावेद शेख’ बन गया. बाद में वह आजीविका के लिए दुबई गया और वहां ओमान जाने पर वह लश्कर -ए- तोयबा में शामिल हो गया .
इसी तरह तीस्ता सीतलवाड़ जो गुजरात की सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में चर्चित रही है… ने जावेद अख्तर से शादी करके सऊदी अरब के आर्थिक सहयोग से ‘कम्युनल कम्बैट’ का प्रकाशन किया .. तथा  अपनी संस्था ‘सबरंग ‘बनाई. वामपंथी विचारधारा की तीस्ता और  दूसरे धर्म के जावेद का मिलन हिंदुत्व और हिंदुस्तान के खिलाफ सिद्ध हुआ. तीस्ता सीतलवाड़ जावेद की पत्नी बन कर अपना जिहादी गुस्सा भारत के प्रति प्रकट करती रही है.
वामपंथी विचारधारा और मुस्लिम आतंकवाद के तालमेल से भारत का एक बड़ा वर्ग प्रभावित होने लगा है .

लव जिहाद भारत का इस्लामीकरण करने का एक प्रयास है .धन को आगे करके प्रेम के नाम पर समाज को विखंडित करना यही लव जिहाद का  सुनिश्चित  व सुनियोजित षड्यंत्र है .जो युवतियों का मति भ्रम करके छद्म प्रेम के नाम पर शारीरिक, मानसिक शोषण करता है. भारत में विवाह का एक पवित्र संस्था है .लव जेहाद इस पवित्र संस्था के मूल्यों का खंडन करता है .लव जिहाद में आर्थिक लाभ एवं लोभ दोनों है. हिंदू युवतियों को शिकार बनाना ,हिंदू बंधुओं को कमजोर करना है .इसमें आपसी सहमति नहीं अप्रत्यक्ष दबाव है .इसीलिए दुराचार, महिला उत्पीड़न धर्मांतरण जैसी घटना बड़ी आसानी से घटती जाती है. कोई भी मुसलमान लव जिहाद के आधार पर  ब्याह करता है. तब मुस्लिम युवा का तो कुछ नहीं बिगड़ता लेकिन हिंदू युवती का जीवन बर्बाद हो जाता है. मेरा विचार है कि लव जिहाद जैसी सामाजिक कुरीतियों पर संवैधानिक रोक लगाना चाहिए .लव जिहाद केवल हिंदू युवतियों पर क्यों होता है ..? यह मुसलमान एवं ईसाइयों के लिए क्यों नहीं होता ..?वास्तव में लव जिहाद जैसी प्रवृत्तियां हिंदू संस्कारों को समाप्त कर भारत में इस्लामी सत्ता की स्थापना करना चाहती हैं.

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