लव जिहाद या इससे भी ज्यादा

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बीते 26 अक्टूबर  को हरियाणा के बल्लभगढ़ के अग्रवाल स्कूल में पढ़ने वाली  बीकॉम फाइनल की स्टूडेंट निकिता तोमर के अपहरण के प्रयास में असफल होने पर दो सिरफिरे आशिकों तौसीफ और रेहान ने सरेआम गोली मारकर निकिता की हत्या कर दी। मृतक निकिता के भाई और पिता ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में खुलासा किया कि निकिता को इस्लाम धर्म  अपनाकर शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। निकिता जब इसके लिये राजी नहीं हुई तो उसे मौत के घाट उतार दिया गया । तौसीफ और रेहान दोनों  हरियाणा के मेवात से ताल्लुक  रखते है । वहीं मेवात जो बीते सालों में गोकशी , तस्करी सहित कई  बड़े अपराधों के लिये कुख्यात रहा है। मेव जो मूलतः हिंदुओं के राजपूत जाति से ही ताल्लुक रखते थे । दशकों पूर्व इन्ही मेवों ने राजस्थान और हरियाणा में सामूहिक रूप से हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था । जो बाद में यही मेव मुसलमान अति कट्टर हो गये । जो घटनाएं हिन्दू युवतियों के मुस्लिम लड़कों के बीच के प्रेम  औऱ इसके बाद शादी करने की पूरे देश  से भिन्न 2 इलाकों से आ रहीं है । ज्यादातर इन मामलों में निकाह के साथ धर्म परिवर्तन की ही सूचना आ रहीं है । यह भी देखने को मिल रहा है जो युवतियां अथवा महिलाएं निकाह के बाद धर्म परिवर्तन नहीं कर रही है उन्हें भयानक यातनाओं से गुजरना पड़ा है । कभी 2 तो उन्हें जान से भी हाथ धोना पड़ा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने लखनऊ में  बीते 13अक्टूबर को अंजना तिवारी नाम की महिला ने अपने मुस्लिम पति की प्रताड़ना के चलते आत्मदाह कर लिया था । यूपी के महराजगंज की रहने वाली अंजना ने अपने पूर्व पति अखिलेश तिवारी से तलाक देकर मुस्लिम युवक  आशिक  के साथ दूसरी शादी करने के बाद मुस्लिम धर्म अपनाकर अपना नाम आयशा रख लिया था । मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी अंजना इस्लाम के नाम पर विभिन्न तौर तरीकों को  अपनाए जाने के लिये भी  सताई जा रही थी । महाराजगंज की रहने वाली अंजना तिवारी को जब अपनी परेशानियों से मुक्ति न मिली तो उसने लखनऊ में   विधानसभा के सामने  आग लगा ली । एक दिन बाद अंजना  की  इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी । मामला केवल अंजना का ही  नहीं है पूरे देश में कई सालों से हिन्दू, सिख औऱ ईसाई युवतियों के मुस्लिम युवकों द्वारा धोखा देकर शादी करने के कई मामले सामने आ रहे है   । ऐसे मामलों में शादी के बाद इन युवतियों को इस्लाम स्वीकार कराया जाता है । ऐसा न करने पर इन युवतियों को प्रताड़ित किया जाता है और कभी 2  इनका बेरहमी से कत्ल भी कर दिया जाता है । पूर्व में मेरठ में ऐसी ही एक घटना में शादी के बाद मुस्लिम युवक ने अपनी हिन्दू पत्नी और उसकी बेटी की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी । शादी के बाद अनिवार्य धर्म परिवर्तन के कारण ऐसी शादियों को पीड़ित परिवारी जन और समाज का बड़ा तबका इन्हें लव जिहाद की घटनाएं मानता है ।  2017 में केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि केरल में लव जिहाद की घटनाएं बड़ी संख्या में हो रही हैं हैं । इसके पहले न्यायमूर्ति के टी शंकरन ने भी  अदालत में दिसंबर 2009 में कहा था कि  बीते  4 वर्षों में  अकेले केरल में ही तीन से चार हजार मामले लव जिहाद के मामले आये है । कथित लव जिहाद की घटनाएं केवल केरल में ही हो रही हो ऐसा नहीं है । बीते 1 साल में देश के कई भागों भोपाल, कानपुर, मेरठ ,मुंबई ,बाड़मेर, गंगानगर सहित केरल और कर्नाटक के कई जिलों से लव जिहाद के मामले सामने आए है । भारत की श्रेस्ठ सुरक्षा एजेंसी  एनआईए ने भी  लव जिहाद की घटनाओं को माना है और  जाँच भी की है । लव जिहाद से  देश में सबसे ज्यादा  प्रभावित प्रदेश केरल ,कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली है । सवाल उठना लाजिमी है कि यदि प्रेम के लिये मुस्लिम लड़कों द्वारा  शादी की जा रही है तो फिर धर्म परिवर्तन की क्यों आवश्यकता पड़ती  है और प्रेम  करने के लिए आखिर  गैर मुस्लिम महिलाओं को शादी के बाद मुस्लिम  क्यों बनना पड़ता  हैं ?  यदि ये महिलाएं शादी के बाद  धर्म परिवर्तन का विरोध करती है तो उन्हें प्रेम करने वाले मुस्लिम शौहर क्यों अपनी प्रेमिकाओं को प्रताड़ित करते है अथवा हत्यायें  करते है।  कभी 2 भविष्य अंधकार में पड़ते ये महिलाएं  आत्महत्या करने को भी मजबूर होती है। ऐसा नहीं कि सारे के सारे  गैर सम्प्रदाय के बीच प्रेम के मामले  लव जिहाद के ही हो  । कुछ मामले ही है जिनमें शादी के बाद गैर मुस्लिम महिलाओं को धार्मिक स्वतंत्रता मिलती है। लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है । केरल और कर्नाटक में तो पीएफआई पर संगठित सुनियोजित  तरीके से लव जिहाद को बढ़ावा देने के आरोप  है । वहाँ धन और बाहुबल के हस्तक्षेप से लव जिहाद को बल मिल रहा है। ज्यादातर ऐसे मामलों में मुस्लिम युवक हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फसाने के लिये हिन्दू छद्म नामों से ही अपनी पहचान से दोस्ती करते है । आखिर ऐसा क्यों होता है ?  मुस्लिम लड़के जब इन घटनाओं को अंजाम देने के  बाद फसते है तो उनकी मजबूत तरीके से मदत की जाती है । आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम लड़कों को धन से लेकर अदालत में मजबूत पैरवी कहाँ से होती है । कानपुर में भी हाल ही में तीन लड़कियों के लापता होने की बात सामने आई थी जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम लड़के ही आरोपी थे । उनके लिये अदालत में पैरवी करने के लिये बड़े नामी गिरामी वकील खड़े हुए थे । केरल में लव जिहाद  चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है । भाजपा इसी मुद्दे के बहाने वहाँ सत्तासीन होना  चाह रही है । क्योकि केरल में हिन्दू समुदाय के अलावा ईसाई समुदाय की  तमाम लड़कियां भी बड़ी संख्या में प्रेमपांस में बरगलाकर धर्मान्तरित की गई हैं। यूपी में भी लगातार हो रही लव जेहाद की हिंसक घटनाओं को देखते हुए  यूपी सरकार खासी चौकन्ना हो हो रही है । यूपी के सीएम योगी ने 31 अक्टूबर को घोषणा की कि उनकी सरकार जल्द ही लव जेहाद को लेकर कड़ा कानून बनाने जा रही है । इसके बाद ही एक  नवम्बर को हरियाणा की खट्टर सरकार ने भी लव जेहाद के खिलाफ जल्द कानून बनाने की बात कही है  । इस तरह का कोई कानून इन राज्यों में बनता है तो यूपी और हरियाणा दोनों देश के प्रथम  राज्य होंगे ।

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