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महर्षि वाल्मीकि रामकथा का अंतिम अध्याय- अयोध्या का पुनर्निर्माण और श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वक्त वक्त की बात है । त्रेता युग में जिस राम ने बनों जंगलों में रहने वाले सीधे सादे वनवासियों को संगठित और प्रशिक्षित कर रावण जैसे अत्याचारी से भिड़ा दिया था और इन्हीं भीलों , निषादों, नागों से ही असंभव को संभव कर दिखाया था , उसी राम के…