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माल-ए-मुफ़्त -दिल-ए-बे रहम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
निर्मल रानी हमारा भारतीय समाज तरह तरह के दानी,समाजसेवी,परमार्थी व परोपकारी सज्जनों से भरा पड़ा है। मंदिरों में स्वर्ण का चढ़ावा चढ़ाने से लेकर ग़रीब कन्याओं के विवाह तक,बड़े से बड़े लंगर भंडारे संचालित करने से लेकर मुफ़्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तक तथा बड़े से बड़े आश्रम,अस्पताल व धर्मशालाएं…