ममता बैनर्जी और चूहे बिल्ली का खेल – सरस्वती शिशु मंदिरों को बंद करने का नोटिस जारी |

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पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रतिष्ठित विद्याभारती द्वारा संचालित 125 स्कूलों को बंद करने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं | राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि उक्त स्कूल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित हैं ।
मंत्री ने कहा कि राज्य में स्कूलों को हिंसा की शिक्षा देने की अनुमति नहीं है, और आरएसएस द्वारा संचालित ये स्कूल धार्मिक असहिष्णुता फैला रहे हैं | शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी भले ही केवल इन 125 स्कूलों को बंद करने के नोटिस जारी किये गए हैं, किन्तु लगभग 500 स्कूलों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई हैं और इनमें से 493 की जांच की जा रही है ।
इन 125 स्कूलों में से 12 को विवेकानंद विद्याविकास परिषद नामक एक सोसायटी द्वारा संचालित किया जाता है, उसके संगठन सचिव तारक दास सरकार ने कहा कि राज्य शासन के नोटिस को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है।
तारक सरकार ने कहा कि सोसायटी ने 2012 में इन स्कूलों को चलाने के लिए मंजूरी हेतु सरकार से आवेदन किया था, लेकिन राज्य ने अभी तक इसे नहीं दिया है । उनकी सोसायटी, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध है, जिसका उद्देश्य “देशभक्त नई पीढ़ी का निर्माण करना है”।
आरएसएस के एक पदाधिकारी बिप्लव राय ने राज्य सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल संचालित करना आरएसएस का काम नहीं है। राज्य सरकार को मदरसों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, और जांचना चाहिए कि वे क्या सिखाते हैं ।
उधर उत्तर दिनाजपुर जिले में 111 स्कूल चलाने वाले एक ट्रस्ट के कानूनी सलाहकार अरिजीत बक्षी, ने कहा कि पूर्व में राज्य ने उनके स्कूलों में से 10 को बंद करने के लिए नोटिस जारी किए थे। लेकिन उन नोटिसों को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, और वे रद्द कर दिये थे ।
सीधी सी बात है कि ममता बैनर्जी राजनीति की शतरंज खेल रही हैं | निश्चय ही वे भी जानती होंगी कि इस चूहे बिल्ली के खेल का कोई महत्व नहीं है | सरस्वती शिशु मंदिर, शासकीय अनुदान पर संचालित नहीं होते और ना ही वे कोई सामाजिक विद्वेष फैलाते हैं | विशुद्ध राष्ट्रभक्ति इन विद्यालयों का एकमेव लक्ष्य है | अतः न्यायालय उनके नोटिसों को पूर्व के समान रद्द कर ही देगा |
ममता का उद्देश्य भी स्कूलों को बंद करना नहीं बल्कि केवल अपने मुस्लिम समर्थकों को यह सन्देश देना है कि वे उनकी कितनी हितचिन्तक हैं | वे मदरसों की ओर से आँखें बंद कर केवल देशभक्त विद्यालयों को निशाना बनाकर छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों को भी संकेत दे रही हैं कि केवल वे ही नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे सक्षम नेतृत्व दे सकती हैं | कुल मिलाकर 2019 की व्यूह रचना प्रारम्भ हो चुकी है |

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