मनुष्य को न अपने पूर्वजन्मों और न परजन्मों का ज्ञान है - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य अपने शरीर के हृदय स्थान में निवास करने वाली एक अनादि, नित्य, अविनाशी एव अल्पज्ञ चेतन आत्मा है। अल्पज्ञ जीवात्मा को मनुष्य आदि योनियों में जन्म लेकर मनुष्य योनि में माता, पिता, आचार्य की सहायता से ज्ञान अर्जित करना पड़ता है। इन साधनों से अर्जित ज्ञान को…