मंदाकिनी रूठी, तो क्या रूठ नहीं जायेंगे श्रीराम ? - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
सरकारी तौर पर नदी-पानी बचाने की जो कुछ कोशिशें शुरु हुईं; वे इतनी अनियोजित व अनिश्चयात्मक रहीं कि नतीजा सिफर रहा। भारत सरकार की रेनफेड अथारिटी का आरोप गलत नहीं कि बुंदेलखण्ड पैकेज का पैसा सही समय पर खर्च नहीं किया गया। सरकार के पास तो नदियों की वस्तुस्थिति के…