पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जूता का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही हो रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी रविवार को जूता फेंकने की कोशिश की गई। अहमदाबाद में एक चुनावी सभा में यह घटना उस समय हुई, जब एक युवक ने उन पर जूता फेंकने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री ने पुलिस से उस युवक को माफ कर दिए जाने को कहा है। राजनेताओं पर जूता फेंकने की चली परंपरा की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने निंदा की है। यह परंपरा उस समय से चल पड़ी है, जब गत दिसंबर महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश पर इराक में एक पत्रकार ने जूता फेंका था।
प्रधानमंत्री ने जूता फेंके जाने के दौरान क्षण भर के लिए अपना भाषण रोका, लेकिन तब तक विशेष सुरक्षा दस्ते (एसपीजी) का एक सदस्य जूते के पास पहुंच गया। हालांकि, जूता मंच से काफी दूर था। इस घटना के बाद जनसभा में कोई हंगामा नहीं हुआ और वहां मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री का पूरा भाषण शांतिपूर्वक सुना।
सुरक्षा बलों ने जूता फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। इस शख्स की पहचान हितेश चौहान (20 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक वह प्रेस दीर्घा के समीप पहली पंक्ति में बैठा था। इस घटना के लिए कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने के लिए कहा है।
कांग्रेस के प्रवक्ता एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह स्तब्ध कर देने वाली घटना है। प्रधानमंत्री के साथ जो कुछ हुआ, उसके लिए मोदी को खेद प्रकट करना चाहिए। यह घटना गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की घृणित राजनीति का परिणाम है।
इस घटना की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी निंदा की है। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि वे इस घटना की निंदा करते हैं। यह किसी लोकतांत्रिक अभियान का हिस्सा नहीं है।