अनेको ग्रह इस ब्रहमांड में

0
158

अनेको ग्रह इस ब्रहमांड में,तब भी आपस में मिलकर रहते है
इस पृथ्वी ग्रह के प्राणी,क्यों आपस में लड़ते झगड़ते है

आपस में ये एक दूजे की परिक्रमा भी करते रहते है
नहीं किसी से टकराते अपने रास्ते पर चलते रहते है

नहीं शांति इस भू के प्राणी को,एटम बम बनाने में लगे हुए
अपना ग्रह नहीं सभंल रहा, दुसरे ग्रहों की खोज में लगे हुए

पृथ्वी ग्रह में मंगल नहीं,फिर भी मंगल ग्रह में बसना चाहते है
इनकी बुद्धि क्या खराब हुई,वहाँ जाकर क्यों ये मरना चाहते है

जब पृथ्वी में प्राणी नहीं रहेगा,किसको मंगल ग्रह ले जाओगे ?
यह है मेरा,यह है तेरा,ऐसा करते करते तुम ही मर जाओगे

कोई नासा में, कोई इसरो में,रिसर्च करने में सब जुटे हुए
उन पर रिसर्च नहीं कोई करता जो दुनिया को नष्ट करने में जुटे हुए

विध्वंस के ढेरो पर बैठी है दुनिया,पहले इसको तुम खत्म करो
मै सुझाव देता हूँ सबको,पहले दुनियो को बचाने का प्रयत्न करो

वैज्ञानिक सभी जानते है,मृत्यु सबको एक दिन आएगी
मृत्यु को पहले काबू करो तभी ये रिसर्च  काम आएगी

Previous articleदेखा नहीं अभी तक तुमको 
Next articleखाध्य और खेती में चुनौंतियाँ सतत विकास के लक्ष्य में बाधा
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here