राजेश कपूर
●अटल जी प्रधानमंत्री थे। जब लखनऊ एयरपोर्ट पर आते थे तो सरकारी अमला, लाव लश्कर होता था। सबके लिए कैटरिंग की व्यवस्था वहीं एयरपोर्ट पर एक कैटेरर करता था। कैटेरर का बिल बनता था
₹. 1,00,000 से 1,50,00 तक।
●काँग्रेसी शासन में सोनिया, राहुल या प्रधानमंत्री आते तो यह बिल 10 लाख के ऊपर चला जाता था।
● मोदी जी आते हैं तो ……….?
जम्मू एयरपोर्ट पर आए तो केटरर का बिल बना ₹.3,500 केवल मात्र। उसका भुगतान एयर इंडिया और सीआईऐसऐफ़ ने किया, जिसके लिये उन्हें यात्रा भत्ता मिलता है, सरकार देती है।
● मोदी जी जब भी यात्रा पर जाते हैं तो अपना जलपान आदि का बिल स्वयं भरते हैं। उनके साथ आए अधिकारी व कर्मचारी भी अपना बिल स्वयं भरते हैं जिसके लिये उन्हे टी.ए, डी.ए. मिलता है।
*पहले भी मिलता था पर देश को लूटने में सभी शामिल थे क्योंकि मुखिया यानी रक्षक ही लूट में शामिल था।
समझें कि यह कितना बड़ा फर्क है तब और अब में।
● सोचिये कि हम और हमारा देश तब सही हाथों में था या अब है?
● हो सकता है कि मोदी जी के अनेक फ़ैसलों से हम सहमत न हों।
● हो सकता है कि मोदी जी निर्णय लेने में कोई भूल भी करें।
●पर मोदी जी की इमानदारी व प्रमाणिकता पर हम लेश मात्र भी शक कर सकते हैं?
● हम और हमारा देश आज पहले से कहीं अधिक सही और सुरक्षित हाथों में है या नहीं ? या पहले था?
● पहले बने अधिकाँश प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री और उनके भाई-बन्धु टटपूंजिये से करोड़पति और अरबपति बनते चले गये। देश निर्धन होता गया, विदेशी कर्जों का पहाड़ बड़ा होता गया। किसान आत्महत्या करने लगे। सीमाएं असुरक्षित हो गयीं।
* पर मोदी जी उन सबसे कितने अलग हैं। अपनी कोई गाड़ी नहीं है, कोई कोठी ,प्लाट, फ्लैट नहीं, बैंक बैलेंस भी नहीं। केवल एक लाख कुछ हजार बैंक के खाते में हैं।
*किसी रिश्ते-नातेदार को नौकरी, कोटा, ठेका नहीं दिलवाया।
*ऐसे हीरे को ठुकराने की मूर्खता हम कैसे कर दें। मुश्किल से देश की नैया का कोई खेवय्या मिला है।
*हमको कोई अन्ध मोदी भक्त कहे तो कहता रहे, पर जो सच सामने है उसे कैसे नकार दें भाई।
●जो देशद्रोही तत्व हैं,
*जो पाक परस्त हैं,
*जो भारत के शत्रुओं के एजेण्ट हैं,
*जिनको करोड़ों, अरबों रुपये लूटने की आदत पड़ी हुई है,
*जिनका हराम का हलवा-माँडा बन्द हो गया है…..
“वे सब मोदी को पानी पी-पीकर क्यों नहीं कोसेंगे?”
“भारत में अनेकों पाकिस्तान बनाने में लगे लोग मोदी की बर्बादी में कसर क्यों छोड़ेंगे?”
“भारत का सम्पूर्ण धर्मान्तरण करने वाले मोदी को समाप्त करने के षड़यंत्र क्यों नहीं करेंगे?”
वास्तव में मोदी की हार में, मोदी की बर्बादी में हमारी बर्बादी है, भारत की बर्बादी है। मोदी का साथ देकर हम मोदी पर कोई कृपा नहीं कर रहे। हम देश के दुश्मनों से देश की रक्षा कर रहे हैं, अपनी और अपने कल की रक्षा कर रहे हैं।
अब बतलाएं साहब …..
कुछ मूढ़, मूर्ख, महा भ्रष्टाचारी,
जिनका हलवा-माँडा बन्द हो गया है,
या जो नासमझ कुप्रचार के शिकार हैं,
या देश विरोधी तत्व, वामी, काँगी, पाकी
मोदी को दिन-रात क्योंं नहीं कोसेंगे?
षड़यंत्र क्यों नहीं करेंगे?
ये देशद्रोही तत्व, पाकियों, आतंकियों का साथ देने वाले मोदी के विरुद्ध आकाश-पाताल एक तो करेंगे।
“ये सब दुष्ट हमको मोदी के अंध भक्त कहें तो कहें। उनकी परवाह हम क्यों करेंगे।”
# विशेष : मोदी जी ने कभी भी अपने व्यवहार का ढिंढोरा नहीं पीटा कि वे कितनी इमानदारी से काम कर रहे हैं। बस अपना काम दूरदृष्टी व पूरी प्रमाणिकता के साथ किये जा रहे हैं।
* लेख के शुरू की सारी कहानी ‘सीआईऐसऐफ़ ‘ की उच्चाधिकारी
‘भारती सिंह ‘ ने सुनाई है कि मोदी जी के आने के बाद सरकार के काम करने के तरीकों में किस तरह का बदलाव आया है!
*भारती CISF में उच्च पद पर नौकरी में रही हैं और लखनऊ, दिल्ली, जोधपुर और जम्मू एयरपोर्ट की सिक्युरिटी इंचार्ज रही हैं।
*उन्होंने प्रधानमंत्री अटल जी, मनमोहन सिंह का ज़माना भी देखा है और अब मोदी जी का देख रही हैं।
*भारती जी बताती हैं कि CISF में 22 साल नौकरी करने के दौरान उन्होंने PM के विदेश दौरों की तैयारियों को खुद देखा है।
*PM का जहाज जब लोड होता था..
विदेश दौरों में उसपर क्या-क्या लादा जाता था…….
वह पूरा बतलाने, लिखने लायक नहीं।
Private News Channels के पत्रकारों की फ़ौज जाती थी PM के साथ…….।
न जाने क्या क्या ऐश-अय्याशियाँ होतीं थीं.
*और अब…….
अब सिर्फ दूरदर्शन के 3 या 4 आदमी जाते हैं।
*अब PM के दौरों में दारू की नदियां नहीं बहतीं।
*सभी कर्मचारी अपने travelling allowance में से ही खर्चा करते हैं….
*अब आप ही सोचिए…..,*
ऐसे माहौल में मुफ्तखोरों और देश को लूटने वालों के अच्छे दिन कैसे आएँगे…..?
और ऐसे लुटेरों के शासन में हमारे, हमारे भारत के अच्छे दिन कैसे आसकते थे???
●कुछ बातें तो सचमुच गर्व करने योग्य हैं●
*जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने ट्विटर पर मात्र 13 लोगों को फॉलो करते हैं उनमें से एक नरेंद्र मोदी हैं।
*अमेरिका से मात्र 3 देश हॉटलाइन पर ट्रम्प से सीधे बात कर सकते हैं, उनमे से एक भारत है।
*रूस के पुतिन से मात्र दो देश अमेरिका और भारत हॉटलाइन पर सीधे बात कर सकते हैं।
*अन्य देशों को ट्रम्प और पुतिन से बात करने के लिए 10 दिन पूर्व स्वीकृति लेनी पड़ती है।*
* याद रहे कि यह सब नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ है। आप स्वयं भारत की बढ़ती हैसियत का अंदाज़ा लगाइये।*
डॉ. राजेश कपूर जी, मोदी जी के प्रधानमंत्री होने के अर्थ आने वाले वर्ष में और भी सार्थक बन पाएंगे जब प्रवक्ता.कॉम के पाठक आपके आलेख की प्रतियाँ बना अपने पड़ोस में यह कहते वितरित करें कि देश व देशवासियों के विकास के लिए आलेख की विषय-वस्तु को औरों तक पहुंचाने का कार्य स्वतः चलता रहे|
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से २०१४ के लोकसभा निर्वाचनों में विजयी भाजपा के अग्रणी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत भारत-पुनर्निर्माण की रूपरेखा और तत्पश्चात अधिकारी तंत्र के सदस्यों से सीधा संपर्क देश में विकास हेतु १२५ करोड़ भारतीय नागरिकों से आह्वान ही उन्हें युगपुरुष की उपाधि से सुशोभित करता है| मैं कामना करता हूँ कि भारतीयों में परानुभूति जगाने में अनुकरणीय व्यक्तित्व के धनी युगपुरुष नरेन्द्र मोदी उन्हें विकास मार्ग पर ले जाते भारत को सशक्त सुन्दर व समृद्ध बनाएं|
Bahut Bahut Dhanyavad.
Kshama Karen Roman Hindi likh raha hun.
PRAVAS PAR HUN.
Dr. Madhusudan