मीडिया का क्रिकेट विश्व का सबसे बड़ा महा संग्राम -अब होगा लंका दहन ..?

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विजय सोनी

 

भारत -पाकिस्तान का सेमी फाइनल क्रिकेट मैच मोहाली में खेला गया ,दोनों देशों के बीच खेले गए इस मैच,जिसे मीडिया ने दो देशों की सबसे बड़ी जंग तक कह दिया था को लेकर दुनिया की क्रिकेट प्रेमी जनता निगाहें टिकाये बैठी ,हार जीत को लेकर भी दावे -प्रतिदावे किये गए ,सट्टा बाज़ार भी तोल मोल में व्यस्त रहा ,आम व्यक्ति दोनों ही देशों में अपनी अपनी रोज़ी रोटी की क़िच क़िच में लगा हुवा है ,कहा जाता है की भारत में क्रिकेट सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है ,किन्तु समझ से बाहर है की जिस देश की ४५% आबादी गरीबी रेखा के निचे का जीवन जी रही है उस देश में ये महंगा खेल जिसके खिलाड़ी का जूता तक खरीदना आम आदमी के बस का रोग नहीं है भारत में किस प्रकार लोकप्रिय हो सकता है ,हाँ माध्यम वर्गीय -शहरी आबादी मीडिया द्वारा परोसे जाने के कारण धीरे धीरे इसकी और आकर्षित हो रहा है,बेशक क्रिकेट एक तकनिकी खेल है ,मैं इस खेल का विरोधी नहीं हूँ ,मैं जानता हूँ की इस खेल में शारीरिक -मानसिक -बौधिक सभी प्रकार का कठिन इम्तिहान खिलाडियों का होता है ,लेकिन चौक चोरहों पर भीड़ लगाकर या काम धाम छोड़ कर टकटकी लगाकर मैच देखने वालों की कुल संख्या की ९० से ज्यादा प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं होता की स्लिप ,लॉन्ग ऑन- मिड विकेट- मिड आफ -सिली पॉइंट क्या होता है ,बालिंग में राउंड दी विकेट ,स्विंग ,गूगली आदि से उनको कोई मतलब नहीं होता ,ज्यादातर दर्शक केवल ये फेंका -ये मारा, चोका छक्का .तेंदुलकर सेंचुरी बनाएगा या नहीं बस इसी बहस के लिए लोग अपना बहुमूल्य समय बर्बाद करतें हैं ,बाज़ार बढाने केलिए बहुराष्ट्रीय कंपनिया विज्ञापनों के सहारे अपनी अपनी दुकानदारी मज़बूत कर लेती हैं हम केवल सचिन सचिन -धोनी धोनी -ज़हीर ज़हीर की रट लगाते रहतें हैं और अपनी जेब पर डाका डलवाते रहतें हैं,भारत -पाकिस्तान दोनों ही देशों के के प्रधान मंत्री अपनी सारी शासकीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर मैच देखने मोहाली स्टेडिंयम में मौजूद रहे ,इसके अलावा भी दोनों देशों की अनेकानेक हस्तियाँ मैच देखने में व्यस्त रही ,लगता है तकनीक का ये खेल अब ऐसी तकनीक ज़रूर प्रदर्शित करेगा जिससे दुनिया की रोजमर्रा की क़िच-क़िच ख़त्म होजायेगी इसी लिए “बेचारे” अर्थशाष्त्री प्रधानमन्त्री भी तकनिकी ज्ञान प्राप्त कर महंगाई भ्रष्टाचार आदि समस्याओं का निदान, खेल के बाद ज़रूर ज़रूर कर पायेंगें ऐसी उम्मीद सभी देशवासी कर रहें हैं ,हाँ बिचारे सुरक्षा कर्मी ज़मीन आसमान में कहीं परिंदा भी पर ना मार सके इस व्यवस्था में लगें रहे ,आतंकवादी इस देश में अपनी काली करतूत को अंजाम ना दे सकें इस प्रयास में रात दिन एक करते रहें ,वी वी आई पी सुरक्षित रहें वो भी इतनी बड़ी संख्या में एक साथ उपस्थित रहें हैं इस लिए सुरक्षा कर्मियों की ज़िम्मेदारी और बढ़ गई हैं ,आखिर क्रिकेट के ज़रिये अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध जो मज़बूत होतें हैं,ये भी इस महान खेल की ही करामात हैं .इसकेलिए भी भले ज़बरदस्ती ही सही हमें क्रिकेट खेल को बढ़ावा देना ही होगा ,

 

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की मजबूती के साथ ही बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ मज़बूत होंगी इससे हमारा जनजीवन विलासिता की और अग्रसर हो रहा है, इस मैच के बाद और तेज़ गति से इस दिशा में अग्रसर होगा इसके लिए भी आज क्रिकेट की जय बोलनी ही होगी ,हम हिन्दुस्तान लीवर ,कोकाकोला ,कोलगेट कंपनी के ज्यादा से ज्यादा उत्पाद खरीदें इसके लिए हमें मैच के दौरान प्रेरक विज्ञापन दिखा कर प्रेरित किया जावेगा हम भूल जायेंगें की ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्रवेश केवल व्यापार के लिए किया था किन्तु इस बहाने से २०० वर्षों तक देश ने गुलामी सही ,क्यों की हम भारतवासी अत्यंत सीधे और सरल स्वभाव के हैं इस लिए हमें तकनीक ना भी समझ आये तो भी हम “क्रिकेट “ज़रूर ज़रूर देखतें हैं,देखते थे और देखते रहेंगे ,ये मैच भारत जीत गया बधाई ,मिडिया ने फटाफट एक और शीर्षक सनसनी पैदा करने के लिए दे डाला “अब होगा लंका दहन” यहाँ तक की कुछ खिलाडियों को भगवान् श्री राम के वेश में भी धनुष बाण हाथों में लेकर प्रदर्शित किया गया ,हिन्दू देवी देवताओं का इस प्रकार का प्रदर्शन कितना उचित है ?क्या ये उपमाएं ज़रूरी हैं ,क्या किसी अन्य देश में भी ऐसा मज़ाक अपने इष्ट का उड़ाया जाता है ?ये सब अभी भी समझ ना आया तो कब आयेगा ? ये सभी प्रश्न मिडिया के कृत्य पर कौन उठाएगा ? २३ वर्षों के बाद हमने क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता ये हम सब के लिए गर्व की बात है किन्तु उक्त प्रश्नों पर भी हमें गौर करना होगा .

5 COMMENTS

  1. प्रिय नरेंद्र खरया जी आपने भारत की मिटटी से जुड़े खेलों की याद दिलाई इसके लिए आपका आभार .

  2. प्रिय अभिजीत जी आप जैसे युवा भी जब इस बात का समर्थन कर अपनी इस प्रकार सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं तो निश्चित ही उम्मीद की किरणे स्वमेव प्रकट होती हैं .

  3. श्री विजय सोनी जी ने क्रिकेट के रूप में बाजारवाद तथा भौतिकवाद के पीछे का सच उजागर किया है, लोगों को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने तथा देश हित में उपरी चमक दमक के पीछे के सच को पहचान कर सही निर्णय लेना चाहिए और समझदारी का परिचय देना चाहिए.
    इस वास्तविकता को सामने लाने के लिए श्री विजय सोनी जी बधाई के पात्र हैं.

  4. सचमुच इस देश में जनता अंधाधुन्द अनुसरण करतेवक्त भूल जाती हैं की हम उस देश के वासी हैं जिस देश का वास्तविक खेल हाकी -कब्बड्डी कुश्ती है किन्तु मीडिया ने इन सभी खेलों को भुला दिया है खाली क्रिकेट दिखाया जाता है वो भी विज्ञापनों के लिए ,अपनी अपनी रोज़ी रोटी और स्वार्थ के लिए ..

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