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कैसे जियोगे तुम ज़ुल्फ़ के सर होने तक......./ शिवानंद द्विवेदी 'सहर' - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बात वहीं से शुरू करता हूँ जहाँ से प्रवक्ता का जन्म होता है। मेरे इंटरनेट का उपभोक्ता होने और प्रवक्ता डॉट कॉम की उम्र लगभग बराबर है। संभवत: 2008 का अंतिम दौर होगा जब मैं पहली बार इंटरनेट पर सक्रिय हुआ। उस समय फेसबुक बहुत नया था और लोग फेसबुक…