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दूध गरम‌ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बैठा लाला भारी भरकम, चिल्लाता पीलो दूध गरम| एक सड़क किनारे पट्टी में, है रखा कड़ाहा भट्टी में| भर भर गिलास पिलवाता है, वह केवल पाँच रुपट्टी में| देता समान आदर सबको, थोड़ा ज्यादा न थोड़ा कम| चिल्लाता पीलो दूध गरम| कई युवक युवतियाँ आते हैं, वे लंबी लाइन लगाते…