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याद आ रही ससुराल जाती मिनी , मेवा बेचते रहमत, नेताजी सुभाष, टैगोर - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जैसे-जैसे तालिबान काबुल को अपने कब्जे में ले रहा,मेरी आंखों के सामने शरद के पत्तों की तरह सरसराकर गुज़र रही तस्वीरें, कहानी.. काबुल का रहमत खान,छोटी सी मिनी..जो कब छोटी से बड़ी हो गई और ससुराल जाने लगी। नेताजी सुभाष की याद आ रही और काबुल के शोर बाजार में…