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'मूकनायक' की गूंज सौ वर्ष बाद भी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनोज कुमार प्रकाशन का नाम ‘मूकनायक’ था लेकिन आवाज इतनी बुलंद की आज गुजरते सौ वर्ष में भी ‘मूकनायक’ का डंका बज रहा है। ‘मूकनायक’ डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पत्रकारिता के सौ साल का साक्षी है। आज सौ साल के उत्सव के समय हम ‘मूकनायक’ और बाबा साहेब के उन…