माँ-बाप की सोच,बेटे-बेटी के बारे में

0
770

करे बेटी दोस्तों से बाते,तो बेचारी बेटी बेशर्म हो गई
करे बेटा बात गर्ल फ्रेंड से,उसकी उम्र अब बड़ी हो गई

हर वक्त नजर रखते हो,बेटी के मोबाइल पर
पर कभी नजर रखते हो,बेटे के इन्टरनेट पर

कहते हो बेटी से,मत जाओ तंग वस्त्र पहने कर
कभी कहते हो बेटे से,बुरी नजर न रख देख कर

करे बहन बाते किसी से,भाई बहन को हडकाता है
करे भाई बाते किसी लडकी से,गर्ल फ्रेंड बताता है

बंद करो ये दोगली बाते,फिर कहना तुम अपने समाज से
घर में बेटो को कहो,हर लडकी को बहन समझे आज से

कहते हो बेटी से,किसी के घर की इज्जत खराब मत करना
क्यों नहीं कहते बेटे से,हर घर की इज्जत सभाल कर रखना

अगर ये बात तुम्हे अच्छी लगे,इसे अब आगे फॉरवर्ड कीजिये
अगर समाज का सुधार चाहते हो,पहले अपना सुधार कीजिये

आर के रस्तोगी

Previous articleअंक से ज्यादा आप महत्वपूर्ण हैं !
Next articleउत्तर और दक्षिण कोरिया की दोस्ती के मायने
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here