मां नर्मदा सामाजिक कुंभ की तैयारियां जोरों पर

मंडला, 17 जनवरी 2011. आगामी 10,11 व 12 फरवरी 2011 को संपन्न होने जा रहे मा नर्मदा सामाजिक कुंभ की तैयारियां रानी दुर्गावती परिसर में नर्मदा किनारे बडी जोर से चल रही है। कुंभ स्थान पर विभिन्न निर्माण कार्यो का आलोकन करने हेतु गये इस संवाददाता को जानकारी देते हुए मा नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिति के सचिव श्री राजेन्द्र प्रसादजी ने बताया की अभी तक 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

श्री प्रसाद ने बताया की कुंभ में आनेवाले श्रध्दालुओं के ठहरने हेतु 51 उपनगर बनाएं जा रहे है एवं इन उपनगरों को छ: महानगरों मे विभाजित किया जाएगा। यह महानगर देश के महापुरुषों के नाम पर जैसे महाराणा प्रताप, छत्रापती शिवाजी महाराज, माता बम्लेश्वरी, शंकरशाह-रघुनाथशाह, महिष्मति और महाराजा छत्रासाल, इनके नामों पर बसाये जाएंगे।

इस त्रिदिवसीय सामाजिक कुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशों से 25 से 30 लाख श्रद्धालु जन सम्मिलित होने की संभावना है। इनके लिए छ भोजनालय बन रहे है जिसमें हरेक भोजनालय में दो लाख लोगों का भोजन बनेगा।

श्री राजेन्द्र प्रसाद ने बताया की कुंभ में सहभागी श्रध्दालुओं के लिए नर्मदा के जल में स्नान की सुविधा मुहैया कराने हेतु नर्मदा पर स्नान घाट बनाने का काम भी तेजी से पूरा होने जा रहा है। मंडला का एक धार्मिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्व रहा है। वर्तमान काल में मंडला परिसर में रहने वाले जनजाति बंधुओं को विभिन्न प्रकार की सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड रहा है। यह क्षेत्र जहां प्राचीन काल से मंडनमिश्र जैसे विद्वानों का और विद्या का क्षेत्र रहा है वहीं ऐतिहासिक काल में महारानी दुर्गावती के नेतृत्व में इस क्षेत्रा के लोगों ने परकीय आक्रान्ताओं से जूझ कर अपने बहादूरी का परिचय दिया है। कुंभ में संपूर्ण भारत से लाखो श्रध्दालु जाति, वर्ग वर्ण सभी भेद भुलाकर सम्मिलित होंगे। वनांचल की लोक कलाएं, लोकसंगीत तथ लोकनृत्यों का आनंद भी इस कुभ के दौरान प्राप्त होगा। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मां नर्मदा के सान्निध्य में सामाजिक एकता और राष्ट्रभक्ति की अनुभूति भी मिलेगी।

मां नर्मदा सामाजिक कुंभ संदेश यात्रा छत्तीसगढ, महाकोशल और अन्य प्रदेशों में चल रही है जिस को अभूतपूर्व प्रतिसाद मिल रहा है। इसके बारे में जानकारी देते हुए श्री राजेंद्र प्रसाद ने बताया की समुचे प्रदेश में इस समय कुंभ का ही माहौल बना है। संपर्क करने निकले कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को कुंभ आने का निमांण दे रहे है। अभी तक 25 लाख लाकेट और 45 लाख मां नर्मदा के चित्रा संदेश याखा के दौरान लोगों में वितरित किए जा चुके है। साथ ही 18 लाख स्टीकर्स भी बांटे गए है। महाकोशल क्षेत्रा में कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर कुंभ के लिए अनाज तथा धन संग्रह भी किया है जिसमें लोगाेंने बडे उत्साह के साथ सहयोग दिया है।

कुंभ के निमित्त से मंडला क्षेत्रा का विकास भी तेजी से हो रहा है। नर्मदा पर एक नया ऍनीकट बना है और सडके चौडी तथा अच्छी बन रही है। विजली की नयी लाईने और पेयजल की पाईप लाईन बिछायी जा रही हैं जिसके कारण स्थानिक जनता खुश है। किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा भी उचित रुप मे मिल गया है।

कुंभ को सफल बनाने हेतु राज्य सरकार का भी समाज के साथ-साथ पूरा सहयोग मिल रहा है। कुंभ के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं जुटाने में प्रशासन लगा हुआ है। स्वयं मुख्यमंत्राी श्री शिवराज सिंग जी ने मंत्राी और अधिकारियों की बैठक लेकर कुंभ से संबंधित सभी कामों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए है। कुंभ के कार्यकर्ता रेलवे के डिआरएम से भी मिले और यात्राीयो को यातायात की सुविधाएं दिलाने का अनुरोध किया।

कुंभ के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से सामग्री जुटायी जा रही है। छत्तीसगढ से चावल, दाल, असम से चायपत्ती, महाराष्ट्र से चीनी, उत्तर प्रदेश से आलू, मालवा से मिरची तथा दलिया आदी सामग्री कुंभ के लिए एकत्रिात करने का कार्य जोर से शुरु हो चुका है तथा कुछ ही दिनों मे यह सामग्री मंडला पंहूच जाएगी ऐसी जानकारी श्री प्रसाद ने दी।

मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित होने वाला यह ऐतिहासिक महाकुंभ जनजाति क्षेत्रा का धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक एवं जनजाति गौरव से संबंधित इस दशक का सबसेक बडा और विशाल आयोजन सिध्द होगा।

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  1. माँ नर्मदा देवी के कुम्भस्थल और सम्पूर्ण भारत के एक एक व्यक्ति के लिए अत्यंत ही गर्व का मौका है ,जहाँ इस देश की केंद्र सरकार हिन्दू भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाकर हिन्दुओं को नीचा दिखाने का असफल प्रयास कर रही हैं ,वहीँ इस प्रकार के आयोजनों के आयोजक बधाई के पात्र हैं जिनके प्रयासों से हम सभी पुण्य के भागी बन रहें हैं ,इस लिए सभी को इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर ना केवल हिस्सा लेना चाहिए बल्कि यथासंभव सहभागिता भी सुनिश्चित करनी चाहिए “धर्म की जय हो -अधर्म का नाश हो -प्राणियों में सद्भाव हो -विश्व का कल्याण हो -गो माता की जय हो -जय जय श्री राम -जय श्री राम -हर हर महादेव -हरहर महादेव -ॐ शांती -ॐ शांति ॐ शांति “इस प्रकार के जयघोष के साथ सम्पुर्ण पृथ्वी -आकाश -सारे ब्रह्माण्ड को जय घोष से गुंजाना है -मंडला में माँ नर्बदा कुम्भ में स्नान कर समस्त दोष -कष्ट मिटाना है .

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