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मां क्यों तूने मुझे रोका? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वर्षा आर्या मां क्यों तूने मेरी उड़ान कोघर की चारदीवारी में कैद करके रखा?क्यों तूने शाम चार बजे के बादघर से बाहर जाने से रोका?क्यों तूने सपनों को पंख लगाने से रोका?इन हैवानों के डर से मेरी इच्छा को तोड़ा?एक बार मुझे भी कदम तो उठाने देती,शैतानों को नारी शक्ति…