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दादाजी की मूँछें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
दादाजी की मूँछें लम्बी , इतनी लम्बी इतनी लम्बी एक मूँछ जाती कोलकाता एक मूँछ जाती है मुंबई मूँछें दिन -दिन बढ़ती जातीं देश विदेशों तक हो आतीं दुनिया भर की सब मूँछों से नमस्कार करके आ जातीं आज रूस के रस्ते मूँछें मिलने पहुंचीं चीन से अगर नहीं विश्वास,देख…