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मेरे शहर का मॉल कल्चर - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनोज लिमये पश्चिमी ऑंधी ऐसी चली कि गाँव में लगने वाले स्वदेशी हाट धीरे-धीरे मेलों में बदले और अब देखते ही देखते ये मेले मॉल में कनवर्ट हो रहे हैं। मेरे शहर में भी आजकल एक विशेष टाईप की गंध पसरी हुई है ये गंध शहर के नवनिर्मित शॉपिंग मॉलों…