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मेरी मां की डायरी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मेरी मां लिखा करती थी, रोज़ डायरी का इक पन्ना, ये सिलसिला कब शुरू हुआ, कैसे शुरू हुआ ये तो याद नहीं, पर तब तलक चलाता रहा.. जब तक होशो हवास थे। कितने साल तक लिखा ,क्या लिखा, ये तो पता नहीं, पर कुछ किस्से, कहानी और कविता सुना देतीं…