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न इधर के रहे न उधर के रहे.. - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मैं जिस सरकारी विभाग में काम करता था, वहां से पिछले दिनों मेरा स्थानांतरण कर दिया गया। नये स्थान पर सरकारी आवास में मरम्मत और रंगाई-पुताई का कुछ काम बाकी था। अतः कुछ समय के लिए एक कमरा किराये पर ले लिया। मकान मालिक एक वकील साहब थे। उनकी वकालत…