नैनो टेक्नोलॉजी – विश्व भाग्य विधाता

योगेश राम गोपाल सिंह 

आप को भविष्य के सबसे शक्तिशाली एवं आधुनिक तकनीक के बारे में रोचक जानकारी देना चाहूँगा जिसके माध्यम से हमारा भविष्य आज न कल कहीं न कहीं प्रभावित रहता है। जैसा की बदलते समय एवं परिवेश ने आप सभी को भी इस भौतिक युग में विज्ञान सम्बन्धी प्रयोग के बारे में भी काफी आकर्षित किया होगा ।

नैनो टेक्नोलॉजी विश्व की एक ऐसी अद्भुत और शक्तिशाली तकनीकी जो विज्ञान के समस्त रूपों को परिभाषित करती है ।यह तकनीकी आगामी दिनों में विकास की नयी परिभाषा लिखेगी जिसके बिना आम आदमी का जीवन का विकास क्रम भी अधूरा होगा। साधारण से शब्द में परिभाषित किया जाये तो ऐसी तकनीक जो वर्तमान समय की भारी भरकम तकनीक से आगे बढ़कर हल्के रूप में विज्ञान के हर अविष्कार को नियंत्रित करती हो जैसे की मोटर्स, रोबोट, कंप्यूटर इत्यादि के हल्के और शक्तिशाली आकार को लोग आजकल काफी पसंद कर रहे हैं. आजकल की साइंटिफिक और इंजीनियरिंग कम्युनिटी में यह चर्चा जोरों पर है, कि क्या नैनो तकनीक विश्व का भाग्य विधाता होगा। यह सच भी है, क्योंकि बड़ी से बड़ी चीजों को समेटकर एक छोटी एवं शक्तिशाली तकनीकी की डिवाइस विज्ञान के हर प्रयोग और आविष्कार के असंभव को सम्भव बना रही है। मित्रों आप कल्पना कर सकते हैं की नैनो तकनीक से हमारे शरीर के अन्दर Blood शेल में कोई भी छोटी चिप ट्रान्सफर की जा सकती है, जो कैंसर जैसी बीमारियों से निपटने में कारगर है।

नैनो टेक्नोलॉजी की कुछ रोचक क्षेत्रों में आविष्कार –

१. सुचना तकनीक सम्बन्धी क्षेत्र में

२. मेडिकल एवं स्वस्थ सम्बन्धी क्षेत्र में

३. नैनो इंजीनियरिंग डिवाइस बनाने सम्बन्धी क्षेत्र में

४. अन्तरिक्ष के रिसर्च सम्बन्धी क्षेत्र में

५. वायुयान के निर्माण में ६. कंप्यूटर बनाने सम्बन्धी चिप में

७. बायो मेडिकल इंजीनियरिंग में

८. कैंसर उपचार में

१०.nano पर्यावरण और उर्जा के storage and Production में

११. नाभिकीय एवं मिलेट्री हथियार बनाने में

१२. Renewable(सौर) उर्जा के समस्त रूपों में

वर्तमान में किसी भी देश के द्वारा विज्ञान की चुनौतियों को मात देते हुए इसके क्षेत्र में किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण एवं आविष्कार, इसे विश्व के शक्तिशाली देशों की श्रेणी में ला खड़ा करता है। यह अत्यंत दुःख की बात है, कि हमारे देश भारत के हालत विज्ञान के रिसर्च और विकास क्षेत्र में बहुत ही दयनीय और पिछड़े हुए हैं। तमाम संसाधनों की कमी के चलते हम अन्य विकसित देशों की तुलना में लगभग ८-१० साल पीछे हैं। हम सभी को इस विकास की कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना पड़ेगा। ध्यान देने योग्य है कि उस देश का उत्थान एवं विकास सुनिश्चित होता है, जो अपने जन के जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के समस्त संसाधनों की कमी पूरा करने में खुद सक्षम हो और अपनी संस्कृति एवं संस्कार की रक्षा करने में प्रतिबद्ध हो।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here