मोदी जी का गौ रक्षा विषयक बयान: हिन्दुओं में खासी नाराजगी

डा. राधेश्याम द्विवेदी
भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म परम्परा में गाय का महत्व सर्वाधिक माना गया है। गोदुग्ध, माता के दूध के समान गुणकारी, सुपाच्य और लाभदायक एवं कल्याण कारक होता है। गौ के पंचामृत और पंचगव्य के निर्माण से एवं उनके सेवन से अनेक अ:साध्य रोगों का शमन होने के साथ, यह गुणकारी भी होता है। इसलिए प्राचीन भारत में सबसे बड़ा धन गोधन को एवं सर्वश्रेष्ठ लोक को गोलोक या वैकुण्ठ कहा गया है। गो के प्रत्येक रोम में देवताओं का निवास है। इसी प्रकार इस के गोबर में भी अनेक विषाणुकीटों को मारने एवं दूर करने की क्षमता विद्यमान है। भारतीय मनीषी गाय के इन अलोकिक गुणों से वैदिक काल से परिचित हैं। भारत में प्राचीन काल से ही गो-सेवा करने का वर्णन मिलता है। गाय की सेवा करने का विधान सुखदायक एवं फलदायक माना गया है। पूर्णावतार श्रीकृष्ण चन्द्र ने इसकी महत्ता को स्थापित करने के लिए व्रज वसुन्धरा में आकर गो चारण और गो वंश की रक्षा करने के लिए गो पालन किया। इसलिए भगवान् श्रीकृष्ण का एक नाम गोपाल भी है।
ऊना में दलितों की पिटाई और राजस्थान की गौशाला में सैकड़ों गायों की मौत के बाद मोदी जी ने गौ माता के 70 से 80 % रक्षकों को अपराधी करार दे दिया , उनके अनुसार गौ माता के नाम पर दुकान चलाने वाले अधिकतर लोग अपराधी हैं और उन्हें ( मोदी जी को ) उन पर बहुत गुस्सा आता है , इस बयान के बाद हिन्दुओं में खासी नाराजगी देखी जा रही है | बयान से बहुत से मोदी समर्थकों की भावनाएं भी आहत हुई हैं , कुछ का मानना है कि मोदी जी को गौ रक्षा के नाम पर होने वाली पिटाई और कानून को अपने हाथ में लेने वालों की निंदा करनी चाहिए थी पर मोदी जी ने 80 % लोगों को ही अपराधी कह दिया | लगता है मोदी जी का गौ रक्षकों पे दिया गया आज का बयान थोडा अतिश्योक्ति से भरा था पर इसमे एक बात अच्छी ये थी कि उन्होंने कहा गौ रक्षकों और गौ भक्तों में फर्क होता है यानि मोदी जी की दिक्कत सड़को पे मारपीट कर गौ रक्षा करने वालों से है| मोदी जी को दिक्कत उन लोगों से है जो कानून अपने हाथ में लेते हैं और ये ध्यान नही रखते कि उनके अति जोशीले कार्य से हिन्दुओं की ही बदनामी होती है और हिन्दुओं में ही फूट पड़ जाती है जिसका फायदा वोट बैंक की लार टपकाने वाली सेक्युलर पार्टियाँ उठा लेती हैं| | अगर वोट की बात छोड़ भी दें तो भी कानून को अपने हाथ में नही लिया जाना चाहिए |, मोदी जी ने गौ रक्षकों और गौ भक्तों में फर्क कर दिया और गौ माता की सेवा करने वालों को निंदा से पूरी तरह बाहर रखा इसलिए किसी भी गौ सेवक को उनके बयान से कोई दिक्कत नही होगी | अब बीजेपी के खिलाफ गाय माता को लेकर हमला करने से पहले नकली सेक्युलर ब्रिगेड को 1000 बार सोचना पड़ेगा , राजनितिक विशेषज्ञों की माने तो इस बयान से जहाँ मोदी की कट्टर हिन्दुत्व की छवि को नुक्सान पहुंचेगा वहीँ मोदी विरोधियों की राजनीती पे ये बयान बहुत बड़ा प्रहार साबित होगा | इस बयान का एक और गहरा मतलब ये निकाला जाना चाहिए कि जो ताकतें दलित हिन्दुओं को बीजेपी या दुसरे हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर मुस्लिम दलित मौर्चे की दुहाई दे रही थी उनके घटिया मंसूबों पर भी मोदी जी का बयान एक तीखा प्रहार साबित होगा | अगर इस बयान के बाद कुछ भी करके बीजेपी दलित-मुस्लिम गठजोड़ को थोडा रोक पाती है तो ये बड़ी कामयाबी होगी , हिन्दुओं की एकता हिन्दुओं की नाराजगी से ज्यादा बड़ी है और मोदी जी जैसा नेता ही हिन्दू एकता के लिए एक बार अपने प्रशसकों को नाराज़ करने का खतरा ले सकता है वैसे भी आरएसएस की शाखा में तो उन्होंने केवल एक ही बात सीखी है कि देश हित सर्वोपरि होता है |
modi-gorakshaअखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर गौ रक्षा में कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो मारपीट करने वालों को जेल भी भेजा जाता है, लेकिन 70-80 फीसदी लोगों को अपराधी कहना गलत हैं। शर्मा ने कहा, ‘2014 के चुनाव में मोदी ने गौ हत्या पर रोक लगाने का वादा किया था, लेकिन गौ हत्या बढ़ गई है। अगर एक भी गौ रक्षक गिरफ्तार हुआ तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। मोदी संसद में ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। ‘
विश्व हिंदू परिषद ने मोदी को नसीहत दी:-स्वयभूं गौ रक्षकों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी विश्व हिंदू परिषद को नागवार गुजरी है। परिषद ने बीजेपी को 2019 के चुनावों में सबक सिखाने की धमकी दी है। हालांकि यह विश्व हिंदू परिषद का आधिकारिक बयान नहीं है। वीएचपी की गुजरात यूनिट ने प्रधानमंत्री के बयान को चौंकाने वाला और गौ रक्षकों का अपमान बताया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने टाउनहॉल मीटिंग में कहा था कि ‘ये असामाजिक तत्व रात में अपराधी होते हैं और दिन में गौ रक्षक बन जाते हैं।’ परिषद ने अपने बयान में कहा, ‘हर साल एक लाख गायें हजारों कसाईयों के हाथों मारी जाती हैं और उन्हें गुंडा नहीं कहा जाता। दूसरी ओर गीता राम्भिया जैसे गौ रक्षकों को गुंडा कहा जा रहा है। ये बताता है कि आपका हृदय परिवर्तन हो गया है।’
वोट के लिए PM ने झांसा दिया:-आगरा में हिंदू संगठन के ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष सुनील पाराशर ने प्रधानमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रूख अपनाना बंद करें क्योंकि इसके एवज में उन्हें पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है। इस बीच अखिल भारतीय हिंदू महासभा की अलीगढ़ शाखा ने प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया है। अलीगढ़ में हिंदू महासभा की प्रमुख पूजा शकुन पांडे ने कहा, ‘मोदी को लोगों को बताना चाहिए कि गौ रक्षा के नाम पर कौन दुकान चला रहा है। उन्होंने गौरक्षा के नाम पर वोट के लिए लोगों को झांसा दिया।’
आगरा की गोशाला के हालात बेहतर:- खुले में घूमने वाली गायों को उचित आहार नहीं मिल पाता। ऐसे में वे कूड़े में से प्लास्टिक आदि खाने को मजबूर हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गायों के मरने का एक कारण अधिक प्लास्टिक (पॉलिथीन) खाना भी बताया था। ताजनगरी में पॉलिथीन के खिलाफ कई बार अभियान छिड़ चुका है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। राजस्थान की सबसे बड़ी सरकारी गोशाला (हिंगोनिया गोशाला, जयपुर) में एक जुलाई से अब तक लगभग 1500 गाय मर चुकी हैं। गनीमत है कि अपने शहर में ऐसे हालात नहीं हैं। यहां कोई सरकारी गोशाला तो नहीं है लेकिन विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से गोशालाएं संचालित हैं। यहां गायों को पेटभर खाना मुहैया कराया जा रहा है। हालांकि जयपुर की घटना के बाद से गोपालक और सचेत हो गए हैं। हालातों में और बेहतर बदलाव किया है। गायों को अनुकूल वातावरण दिया जा रहा है। खाने की गुणवत्ता के साथ ही चिकित्सकीय परीक्षण पर भी जोर है। जयपुर की घटना के बाद आगरा शहर में संचालित कई गोशालाओं की पड़ताल की गई। सभी की स्थिति संतोषजनक थी।
बल्केश्वर गोशाला:-श्रीगोशाला सोसायटी द्वारा संचालित इस गोशाला में लगभग 650 गाय हैं। अधिकांश गाय स्वस्थ हैं। धूप और बारिश से बचाव के लिए टिन शेड हैं। पानी की उचित व्यवस्था है। सोसायटी के अध्यक्ष नवीन जैन का कहना है कि यह गोशाला लगभग 105 साल पुरानी है। गोशाला परिसर में स्थित अतिथिवन होटल की शतप्रतिशत आय और अग्रवन की आय के 75 फीसदी हिस्से से गायों की सेवा की जाती है।
एसपीसीए गोशाला:- यह गोशाला एसपीसीए द्वारा संचालित है। इसमें लगभग 80 गाय हैं। हरा चारा परिसर में ही उगाया जाता है। भूसे और दाने की पर्याप्त व्यवस्था है। संस्था की कृष्णा भल्ला के अनुसार, सामाजिक सहयोग से गोशाला संचालित होती है। गायों की देखभाल के लिए ग्वालों के अलावा चिकित्सक की भी व्यवस्था है।
वनखंडी गोशाला:-गैलाना गांव में वनखंडी मंदिर परिसर में स्थित इस गोशाला में लगभग 220 गाय हैं। इसमें एकाध गाय की हालत ठीक नहीं थी। संस्था के अध्यक्ष निरंजन सिंह के अनुसार, किसी तरह का कोई सरकारी अनुदान नहीं मिलता है। गायों के लिए हमेशा भूसा और दाना पर्याप्त मात्रा में रहता है।
श्रीकृष्ण गोशाला:-यह गोशाला शाहगंज में है। यहां लगभग 350 गाय हैं। गोशाला की देखरेख करने वाले कर्मचारी का कहना है कि एक बार जो गाय गोशाला में आ जाती है, फिर उसे छोड़ा नहीं जाता। उसकी पूरी जिम्मेदारी गोशाला की होती है।
कमला नगर में गायों के लिए एकत्रित होता है भोजन:- गोसंवर्धन समिति द्वारा कमला नगर में दो रिक्शे चलाए जा रहे हैं। ये हर सुबह प्रत्येक घर से गायों के लिए भोजन एकत्रित करते हैं। समिति के महामंत्री प्रदीप अग्रवाल के अनुसार, एक रिक्शा नटराजपुरम, ब्रज विहार, प्रेमानंदकुंज और बालाजी नगर में भ्रमण करता है तो दूसरा कमला नगर एफ और डी ब्लॉक में। अगले रविवार से एक और रिक्शा चलाया जाएगा। यह बी ब्लॉक से कावेरी मंदिर तक के क्षेत्र को कवर करेगा।

1 COMMENT

  1. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में कार्य करते आप मोदी जी द्वारा गौ रक्षा विषयक वक्तव्य में फंस “हिन्दुओं में खासी नाराजगी” को कैसे देख पाए हैं? अब फिर से निर्वाचनों की ऋतु में “गौ रक्षक” की आंधी में सरलमति भारतीयों की आँखों में धूल झोंकते आप राष्ट्रविरोधी राजनैतिक तत्वों को लाभान्वित करना चाहते हैं| क्यों?

    अपनी दैनिक दिनचर्या से निर्वित हो मैंने आज प्रातः अंग्रेजी समाचार पत्र “Indian Express” में जुलिओ रुबेरो द्वारा प्रस्तुत लेख, Angered By The Gau Rakshak: Now PM must apply the same principle to all crime — including communal crime. IE, August 10, 2016 पर और लेख से प्रभावित मूर्ख व पथभ्रष्ट पाठकों द्वारा टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रिया लिखी है और मेरा विश्वास है कि यदि आप उसे पढ़ें तो स्वयं अपने लेख पर मेरे विचारों को भली भांति जान सकेंगे|

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