चलो नरेंद्र…….दिल्ली तुम को बोल रही

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modiराकेश कुमार आर्य

गुजरात के नये क्षितिज पर नवभारत की आशाएं कुछ डोल रहीं।

चलो नरश्रेष्ठ, चलो नरेन्द्र! भारत माता की दिल्ली तुमको बोल रही।।

पर दिल्ली जाने से पहले, भारत मां के पूत वेदों का ये संदेश कण्ठस्थ करो।

मनुर्भव: जनया दैव्यं जनम और साथ में कृण्वन्तो विश्वमाय्र्यम हृदयस्थ करो।।

राजसूय अभी शेष है महाभारत विशेष है पूर्ण कराने हेतु मां को आश्वस्त करो।

धर्मराज बन धर्मराज्य की, हे धर्म धुरीण। धर्म शिला पर पुन: धर्म का श्रंगार करो।।

धर्म की विकृत परिभाषा को गढ़ा शिखंडियों ने,

उसे शुद्घ कराने हेतु दिल्ली बोल रही…………………1

 

चलो नरेन्द्र! नरेन्द्र धर्म धनुर्धर!! धर्म के उदभटप्रस्तोता!!!

बह समय आ गया है माता जिसके लिए जनती है वीर।

भारत मां के माथे के चंदन बने हो नंदन,

करते अभिनंदन कामरूप और कश्मीर।।

सगर के 60 हजार पुत्रों की आत्मा की शांति हेतु,

पृथ्वी पर राजा भगीरथ लाए थे गंगा नीर।

47 के भारत मां के दस लाख बलिदानी पुत्रों की

हे धीर वीर और नायक! हरनी है तुमको पीर।।

जिनके लिए न दीप जले न पुष्प चढ़े।

उनकी व्यथा कथा सुनाने को दिल्ली बोल रही।….2

 

मनु मांधाता दशरथ नंदन राम और युधिष्ठर की इस पावन भूमि पर।

इतिहास को करवट दिलवा दो और आततायी देशद्रोहियों को चढ़वा दो शूली पर।।

शास्त्र-शस्त्र का उचित समन्वय है भारत का राजधर्म,

ऐसी तान चढ़ा दो इतिहास की हर एक तूली पर।

एक नया गीत और नया संगीत सुनाओ,

पुराने गीत प्रभाव नही डालेंगे अपनी प्यारी देहली पर।।

पुण्य भू: और पितृ भू: मेरी भारत माता है,

सचमुच तेरे आने से हर दिल की धड़कन बोल रही।……..3

चलो नरेन्द्र दिग दिगंत से आवाहन गुंजित है बस एक यही,

युग युगांत से भारत विश्वगुरू था और आज बने।

एक नरेन्द्र नरश्रेष्ठ नररत्न को खोज रहा ये देश।

जो हर मां को मां माने और हर बहन की लाज बने।।

तुम में वो प्रतिभा दीख रही दीप जलाओ आभा का।

जिससे ये पावन भारतवर्ष पुन: विश्व का सरताज बने।।

हर कोने से छद्मवाद छूमंतर हो और अविद्या भागे।

भारत के मूल्यों से भूमंडल में हमारा राज बने।।

हे लोकनायक ! आओ भारत के लोकसेवक।

‘आर्य’ तुमको इंद्र प्रस्थ की दिल्ली फाटक खोल रही।।

 

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राकेश कुमार आर्य
उगता भारत’ साप्ताहिक / दैनिक समाचारपत्र के संपादक; बी.ए. ,एलएल.बी. तक की शिक्षा, पेशे से अधिवक्ता। राकेश आर्य जी कई वर्षों से देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। अब तक चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वर्तमान में ' 'राष्ट्रीय प्रेस महासंघ ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं । उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं । सामाजिक रूप से सक्रिय राकेश जी अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं। ग्रेटर नोएडा , जनपद गौतमबुध नगर दादरी, उ.प्र. के निवासी हैं।

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