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राष्ट्र निर्माण और मानव शिल्पी दीनदयाल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
देश की आजादी और नवनिर्माण में सर्वस्त्र न्योछावर करने वाले पुरोधाओं की कमी नहीं है, कोई ज्ञात है तो कोई अज्ञात है। जो स्मृत है उन्हें श्रद्धा के दो फूल नसीब है और विस्मृत को सजदा के दो बोल भी मुनासिब नहीं। शाष्वत सबकी भूमिका अपनी जगह बहुमूल्य है, बात…