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नकली किताबों के तंत्र से आहत होती राष्ट्रीयता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-ःललित गर्ग:-हमारा चरित्र देश के समक्ष गम्भीर समस्या बन चुका है। हमारी बन चुकी मानसिकता में आचरण की पैदा हुई बुराइयों ने पूरे तंत्र और पूरी व्यवस्था को प्रदूषित कर दिया है। स्वहित और स्वयं की प्रशंसा में ही लोकहित है, यह सोच हमारे समाज मंे घर कर चुकी है।…