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तुम न बदले थे और न बदलोगे । - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हालात की चाल : - पात्र बदला , स्थान बदला और समय भी बदल गया लेकिन कहानी वही की वही रही । बदला तो सिर्फ पात्र, स्थान, और समय । हर बार की तरह इस बार भी कहानी का शीर्षक वही था , सारांश भी लगभग वही था और अगर…