भारत-इजराइल संबंधों की नई उड़ान

0
148

डॉ. मयंक चतुर्वेदी

भारत को लेकर इजराइयली क्‍या सोचते हैं, यह इस बात से पता चलता है कि वहां रहकर अपनी उच्‍चशिक्षा पूरी कर रहे भारतीय अपने को सबसे अधिक सुरक्षित और सम्‍मानित अनुभव करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने जब पिछले साल 3 जुलाई को इजराइल की अपनी यात्रा की तो जो अनुभव उनके रहे तथा वहां रह रहे भारतीयों ने जिस तरह से अपने आत्‍मकथन उनके साथ साझा किए उससे यह पूरी तरह से स्‍पष्‍ट हो गया कि भारत के प्रति अपार प्रेम से यह देश भरा हुआ है। इस दृष्‍ट‍ि से पिछला साल निश्‍चित तौर पर भारतीय विदेश नीति के इतिहास में       भारत-इजराइल संबंधों को लेकर एक नया अध्याय जोड़ने में सफल रहा था। उस समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के तेल अवीव में एयरपोर्ट पर विमान से उतरे तो उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद खड़े थे। विमान से मोदी के उतरते ही नेतन्याहू ने बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत बड़े ही अनोखे अंदाज में किया था । हिंदी में कहा-आपका स्वागत है मेरे दोस्त। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस भव्य स्वागत का जवाब उतनी ही गर्मजोशी से दिया था और उन्होंने हिब्रू भाषा में “शलोम” कहा था जिसका अर्थ होता है- शुक्रिया।
नेतन्याहू दुनिया को यह बताने से भी नहीं चूके कि भारत और विश्व के महान नेता (नरेंद्र मोदी) का हम 70 वर्षों से इंतजार कर रहे थे, अर्थात भारत के किसी प्रधानमंत्री का इजराइल की सरजमी पर आने का। नेतन्याहू ने फिर आगे कहा, जब मैं आपसे (मोदी से) पेरिस में पहली बार मिला तो हम भारत और इजरायल के संबंध को आगे ले जाने पर सहमत हुए थे। इसके बाद इस साल के आरंभ में जिस तरह से इजराइयली के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू अपने पांच दिवसीय भारत दौरे पर आए और जो बातें उन्‍होंने मीडिया के समक्ष कहीं, ‘‘ मेरा यह भारत दौरा बेहद अहम है। दोनों देशों के बीच शांति और खुशहाली के लिए यह साझेदारी महत्वपूर्ण है।  मोदी के इजराइल दौरे से हमारी दोस्ती शुरू हुई और अब यह दोस्ती दोनों देशों में शांति और खुशहाली लेकर आएगी।  निश्‍चित ही यह कही गई सभी बातें बहुत मायने रखती हैं।
यह भारत-इजराइल के आपसी संबंधों का ही परिणाम है कि स्काई इज द लिमिट, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी इजराइल के प्रधानमंत्री से कहा था से भी आज इन दोनों देशोंकी मैत्री आगे निकल गई है इसीलिए नेतन्याहू ने मोदी को याद दिलाते हुए कहा है कि आज मैं कहता हूं कि स्काई की भी लिमिट नहीं है, क्योंकि हमारी साझेदारी अब अंतरिक्ष तक पहुंच गई है। इजराइली प्रधानमंत्री खुलकर यह कहते हैं कि ‘‘ हम भारत से प्यार करते हैं। भारत की संस्कृति, इतिहास, लोकतंत्र और प्रगति अनुकरणीय है।’’
वस्‍तुत: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यह यात्रा इस संदर्भ में भी खास है कि जो समझौते      भारत-इजराइल के बीच हुए हैं, उसमें पहली बार भारतीय कंपनियां इजरायल के तेल और गैस क्षेत्र में निवेश कर सकेंगी। इस समझौते से भारत को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उसे इजरायल की बेहतरीन तकनीक हासिल हो जाएगी। इस तकनीक के माध्‍यम से भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खोज का काम तेज हो सकेगा। दूसरा फायदा इजरायल को है, उसे भारत के रूप में तेल और गैस भंडार का एक बड़ा आयातक मिल गया है । इजरायल के तमाम पड़ोसी देशों के पास कच्चे तेल व गैस का बड़ा भंडार है। इस वजह से इजरायल को गैस और तेल के खरीदार नहीं मिलते, किंतु भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक देशों में से है और वह अब इजरायल से यह खरीद सकेगा।
इस तरह से इजरायली प्रधानमंत्री की इस यात्रा से भारत का कूटनीतिक स्तर पर खाड़ी के देशों को यह संकेत भी गया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सिर्फ उनके भरोसे नहीं है। तेल खरीद को लेकर वैसे भी भारत और ईरान के बीच काफी तनातनी पिछले दिनों देखने को मिली है , उस पर ही यह समझौता आगे के लिए स्‍थायी विराम लगाने का ही काम करेगा। इसके अलावा नए समझौते रिन्यूवेबल एनर्जी में भारत को उन्नत तकनीक इजरायल से प्राप्‍त हो सकेगी एवं उड्डयन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच और करीबी रिश्ते बनेंगे साथ में एक-दूसरे के निवेशकों को बढ़ावा देने और सुरक्षा देने का समझौता भी हुआ है।
भारत एवं इजराइल के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर बल देनेवाले जुलाई, 2017 में हुए साइबर सिक्यूरिटी समझौते को व्‍यापक बनाने की मंशा से एमओयू हस्‍ताक्षरित किया गया है। होम्योपैथिक औषधियों से जुड़े  अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए आयुष मंत्रालय की केन्‍द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद और एकीकृत पूरक चिकित्सा केंद्र, शारे जेडेक मेडिकल सेंटर के बीच समझौता हुआ है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं  प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) और टेक्नियन- इजराइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच साझा समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं। इन्‍वेस्‍ट इंडिया और इन्‍वेस्‍ट इन इजराइल के बीच आशय ज्ञापन पत्र सौपा जाकर, मेटल-एयर बैटरियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईओसीएल और फिनर्जी लिमिटेड के बीच आशय पत्र पर तथा संकेंद्रित सौर तापीय प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईओसीएल और येदा रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्‍ताक्षर हुए हैं। इजरायल में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहन देने का समझौता भी इस बीच एक अहम कड़ी के रूप में देखा जा सकता है।
कुलमिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्‍दों में कहें तो आज दोनों देशों को मिलकर विकास की चुनौतियों का सामना करना है और आतंकवाद से भी मिलकर लड़ाई लड़नी है, इस दिशा में भारत-इजरायल के बीच जब से पूर्ण राजनयिक संबंध शुरू हुए हैं, तब से दोनों ने प्रगति की है। भारत की सभ्यता पुरानी है लेकिन यह एक युवा देश है। यहां 80 करोड़ लोग 35 साल से कम उम्र के हैं और इजरायल की इकोनॉमी, बिजनेस करने का तरीका और दुनिया से रिश्ते वर्तमान भारत को प्रेरित कर रहे हैं। मोदी सही कहते हैं कि उच्च तकनीकी शिक्षा, इनोवेशन के मामले में इजरायल आगे है, इजराइल के प्रधानमंत्री का यह भारत दौरा दोनों देशों के बीच बातचीत के नए दौर की शुरुआत कर रहा है।
यह यात्रा इसलिए भी विशेष है क्‍योंकि भारत अभी 70 से 100 अरब रुपए के करीब सैन्य उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है, जो अगले पांच साल में 150 अरब रुपए तक पहुंच जाएगा। दोनों देश साइबर क्षेत्र में मिलकर काम कर ही रहे हैं। आगे इन हुए नौ समझौतों के अलावा कई अहम क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच विकास की संभावना तलाशना इजराइली प्रधानमंत्री की इस भारत यात्रा से संभव होता दिख रहा है।

Previous articleउपासना क्या, इसकी आवश्यकता एवं लाभ
Next articleबंगाल में ममता सरकार ने बदले सुर 
मयंक चतुर्वेदी
मयंक चतुर्वेदी मूलत: ग्वालियर, म.प्र. में जन्में ओर वहीं से इन्होंने पत्रकारिता की विधिवत शुरूआत दैनिक जागरण से की। 11 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय मयंक चतुर्वेदी ने जीवाजी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के साथ हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर, एम.फिल तथा पी-एच.डी. तक अध्ययन किया है। कुछ समय शासकीय महाविद्यालय में हिन्दी विषय के सहायक प्राध्यापक भी रहे, साथ ही सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को भी मार्गदर्शन प्रदान किया। राष्ट्रवादी सोच रखने वाले मयंक चतुर्वेदी पांचजन्य जैसे राष्ट्रीय साप्ताहिक, दैनिक स्वदेश से भी जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर लिखना ही इनकी फितरत है। सम्प्रति : मयंक चतुर्वेदी हिन्दुस्थान समाचार, बहुभाषी न्यूज एजेंसी के मध्यप्रदेश ब्यूरो प्रमुख हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here