राजन ने यहां केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,‘ हम हालात में सुधार की राह पर हैं। मोटे तौर पर हम यहीं कहते रहें और कुल मिलाकर इसी पर कायम रहेंगे। सुधार प्रक्रिया में उतार चढाव है। इस तरह से कहा जा सकता है यह मजबूत और सतत सुधार नहीं है जहां सभी संकेतक एक ही दिशा में हों।’ आरबीआई की बोर्ड बैठक को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी संबोधित किया।
राजन ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक :आईआईपी: के कल जारी आंकड़ों को ‘ कुछ न कुछ निराशाजनक’ करार दिया लेकिन यह भी कहा मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था ‘ मजबूत होती वृद्धि की दिशा में बढ रही है।’
नौकरशाहों और साम्यवादी भुत ने औद्योगीकरण एवं उद्यमशीलता को कुंठित कर रखा है. जब तक राष्ट्रीय पूंजी पर काले धन का लेबल नही उतारा जाएगा, तब तक वह पूंजी उत्पादनशील काम में नही लग सकती. सरकार को चाहिए की कुछ आउट आफ बॉक्स सोचे जिससे भारतीय सम्पदा देश विकास में जुट जाए.