नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने मंगलवार को संयुक्त रूप से सीमा-पार तेल पाइपलाइन और दो रेल परियोजनाओं का उद्धाटन किया। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश एक ही परिवार के सदस्य हैं। हसीना और मोदी ने इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए क्रमश: ढाका और नई दिल्ली से हिस्सा लिया।130 किमी लंबी भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन भारत में सिलीगुड़ी से बांग्लादेश के परबतीपुर को जोड़ेगी। यह असम के नुमालीगढ़ रिफाइनरी से पेट्रोलियम पदार्थो का परिवहन करेगी। इसकी कुल लंबाई का 125 किमी हिस्सा बांग्लादेश में और पांच किमी का हिस्सा भारत में निर्मित होगा।मोदी ने कार्यक्रम में कहा, “भौगोलिक रूप से हम पड़ोसी हो सकते हैं, लेकिन दिल से हम एक परिवार के सदस्य हैं।” मोदी ने कहा, “हमने दुनिया को दिखाया है कि जब पड़ोसी मिलकर काम करते हैं तो क्या हासिल किया जा सकता है।”

मोदी ने कहा कि बीते कुछ सालों से दोनों पक्षों के बीच सहयोग में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। इसी कार्यक्रम में दो रेल परियोजनाओं की ढाका से तोंगी और जयदेबपुर से संपर्क में सुधार के लिए आधार शिला रखी गई। तोंगी और जयदेबपुर, ढाका के बाहरी इलाके के दो शहर हैं।अधिकारियों ने कहा कि 48.80 किमी की दो नई डबल रेललाइनों का निर्माण ढाका से तोंगी मार्ग पर किया जाएगा, जबकि 12.28 किमी की नई डबल लाइन तोंगी से जयदेबपुर मार्ग पर बनाई जाएगी।ये परियोजनाएं दोनों प्रधानमंत्रियों के 10 सितंबर को दो रेल परियोजनाओं और दोनों देशों को जोड़ने वाली बिजली परियोजनाओं के उद्धाटन के करीब एक हफ्ते बाद शुरू की गई हैं। मोदी ने कहा कि पाइपलाइन से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा किसी भी देश के लिए विकास का आधार है।

मोदी ने कहा कि रेल परियोजना बांग्लादेश में सड़क यातायात में सहायक होगी। हसीना ने कहा कि 2009 में उनकी सरकार बनने के बाद से वो भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।उन्होंने नई परियोजनाओं के लिए मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे बांग्लादेश के विकास में मदद मिलेगी। दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया और ढाका में बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन मोहम्मद अली ने भाग लिया।