का आयोजन किया गया | होशंगाबाद मध्यप्रदेश के आचार्य श्री आनंद पुरुषार्थी जी प्रमुख वक्ता व भजनोपदेशक पंडित श्री दिनेशदत्त जी दिल्ली अपने साथी पंडित नेत्रपाल जी बरेली के साथ आये हुए थे | कुल ६ सत्रों में उपदेशक विद्वानों ने विस्तार से अपना प्रचार कार्यक्रम रखा | आचार्य श्री पुरुषार्थी जी ने जहाँ वेद के अनेक मन्त्रों की व्याख्या करते हुये ईश्वर, कर्म व्यवस्था, मोक्ष ,समाधि योग, विवाह की सप्तपदी, जे एन यू दिल्ली की अराजक घटना आदि को विषय बनाया तो वहीँ पंडित दिनेश दत्त जी ने अपने मधुर भजनों के माध्यम से गृहस्थ, दयानंद ,ईश्वर,भगवान् रामचंद्र जी व देश विषयक चर्चा की | अंतिम दिन ५१ दम्पति १५ यज्ञ वेदियों पर विराजमान होकर पूर्णाहुति की | यजमानो मे लगभग ७० % श्रद्धालु दम्पति ऐसे थे जो कि आर्यसमाज के सत्संग में ही प्रथम बार आये थे |इससे पूरे ग्राम व क्षेत्र में आर्य समाज का प्रभाव अच्छा पडा | पूर्व माध्यमिक दयानंद बाल मंदिर नाम से एक स्कूल भी संचालित होता है जिसमे ८०० छात्र छात्राये पढ़ते है |इसी भवन में आर्यसमाज का सत्संग प्रत्येक रविवार को होता है तथा वहीँ प्रांगण में इस विशाल कार्यक्रम को रखा गया जो प्रतिवर्ष से ज्यादा सफल हुआ |स्थानीय युवा विद्वान व आर्यसमाज के मंत्री श्री विद्यासागर शास्त्री जी (टंकारा गुरुकुल के स्नातक} डॉ० श्री पंकज राय जी के भी उपदेश भजन क्रमशः रखे गये | एक दिन दोपहर में लगभग ८ किलोमीटर दूर अम्भारी ग्राम में आचार्य जी व पंडित जी का भजन व उपदेश का कार्यक्रम वहां के आर्यसमाज मंदिर पर मुख्य चौक पर भी रखा गया |वहां कई वर्षो से उत्सव होना बंद सा हो गया है |फूलपुर में अंतिम ३ अप्रेल रविवार को रात्रि ११ .३० बजे तक समापन हुआ |प्रतिदिन कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ० राजेंद्र जी ही करते रहे |बाहर से आये हुए मान्यवर लोगो की शयन व भोजन व्यवस्था विद्यालय में की गई थी |प्रतिवर्ष की भांति पुस्तक विक्रेता अमर स्वामी प्रकाशन विभाग गाज़ियाबाद की तरफ से श्रीरामकिशन आर्य जी आये हुए थे |जिन्होंने खंडन मंडन वाले साहित्य सहित हर प्रकार की किताबे लोगों को लेने के लिए बाध्य कर दिया |शाहगंज, आजमगढ़, कनेरी,अम्भारी ,माहुल, ऊदपुर रामापुर, निज्वां, सरायमीर आदि अनेक ग्राम व कस्बे से श्रद्धालु आर्यजन इस प्रोग्राम में आये व दानादि देकर उत्साह वर्धन किया |जिन ने अपनी युवावस्था में आर्यसमाज की सेवा की थी ऐसे वयोवृद्ध सर्व श्री आनंद कुमार बरनवाल, महादेव प्रसाद आर्य, रामधारी आर्य,राजधारी प्रसाद आर्य (से० नि० हिंदी प्रवक्ता), महेंद्र प्रताप अस्थाना (से० नि० प्रधानाचार्य) आदि महानुभावो का अभिनन्दन किया गया |
डॉ० राजेंद्र प्रसाद आर्य
वैदिक प्रचारक एवं प्रधान
आर्यसमाज फूलपुर