नई दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर अपना प्रस्तावित अनशन मंगलवार को टाल दिया। अन्ना ने यह अनशन यह कह कर टाल दिया कि सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं जिनसे उम्मीद की किरण नजर आती है।

महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धी गांव में हजारे से मिले। इसके बाद हजारे ने अपने फैसले का ऐलान किया। सूत्रों के मुताबिक, हजारे को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र की सामग्री के बारे में जानकारी नहीं है। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता, 81 वर्षीय हजारे ने आगाह किया कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी से अपना विरोध शुरू करेंगे। महाजन ने केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से हजारे से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने हजारे की मांगों पर चर्चा की और मुख्य मांगों को पूरा किया है। उन्होंने उनसे अपना प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया। हजारे ने संवाददाताओं से कहा, कुछ चीजें सकारात्मक दिशा में जाती दिख रही हैं। सरकार ने लोकपाल, लोकायुक्त (की नियुक्ति) की दिशा में कदम उठाए हैं और किसानों की उपज की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने का ऐलान किया है… हमें उम्मीद की किरण दिखती है। इसलिए, मैंने अपना विरोध (अभी) टालने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद की किरण के बावजूद कुछ मुद्दे अनसुलझे हैं।

हजारे ने कहा, आज गांधी जी की जयंती है और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि है। अगर मुद्दे अनसुलझे रहते हैं तो मैं गांधी जी की पुण्यतिथि पर अपना विरोध शुरू करूंगा… और यह राष्ट्रव्यापी होगा। लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के अलावा, हजारे ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को संवैधानिक दर्जा देने की भी मांग की है। उन्होंने सीएसीपी को स्वायत्त निकाय बनाने की भी पैरवी की है।