नई दिल्लीः रेल सफर में तबीयत बिगड़ने पर अब आपको जेब ढीली करनी होगी। रेलवे डॉक्टर को बुलाने पर 100 रुपये कंसल्टेशन फीस और दवा-इलाज का पूरा खर्च देना होगा। यात्रियों को फीस भी अब एडवांस में कंडक्टर के पास जमा करनी होगी। इसके बाद ही मरीज को देखने के लिए रेलवे के डॉक्टर पहुंचेंगे।

मुसाफिरों के बीमार होने पर इलाज के लिए ट्रेनों को डॉक्टर के आने तक रोकना पड़ता है। डीआरएम अमिताभ ने इस समस्या को लेकर रेलवे बोर्ड को 27 सितम्बर को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सुझाव दिया कि यात्रियों की ओर से डॉक्टर बुलाने के आवेदन के साथ एडवांस फीस जमा करने की व्यवस्था लागू की जाए। डॉक्टर बुलाने के लिए मुसाफिरों को कंडक्टर या टीटीई के पास 100 रुपये एडवांस जमा करा लिया जाए।

कंडक्टर या टीटीई इसके बदले उन्हें रसीद देंगे। साथ ही मरीज को दी जाने वाली दवा, इंजेक्शन या मरहम पट्टी का भी पूरा चार्ज इसी तरह वसूला जाए। डीआरएम के इस सुझाव को रेलवे बोर्ड ने मंजूर कर लिया। रेलवे बोर्ड की ट्रांसफॉर्मेशन सेल के अधिशासी निदेशक की ओर से इस बारे में उत्तर मध्य रेलवे के जीएम समेत सभी जोन के महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर यह व्वयस्था लागू करने के निर्देश दिए गए हैँ। उत्तर मध्य रेलवे के डिप्टी जीएम जी ने भी इसी संबंध में तीन अक्तूबर को रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा था।