बाजारों में लाल सुर्ख रंग के सेब मिलने शुरू हो गए हैं। इन्हें अमेरिकी बताकर 220 रुपए प्रति किलो में बेचा जा रहा है। अप्रैल में तो इसकी कीमत 300 रु. तक जाएगी। लेकिन ये सेब अमेरिकी नहीं हैं, बल्कि देशभर के कोल्ड स्टोरेज से आ रहे हैं। इन्हें महीनों पहले हिमाचल के बागों से तोडकर कोल्ड स्टोरेज में पहुंचा दिया गया था। ताकि ऑफ सीजन में बेचा जा सके। ऐसा कोल्ड स्टोरेज चलाने वाले बडे प्लेयर्स कर रहे हैं। फरवरी महीना शुरू होते ही बाजार में सुर्ख लाल रंग के सेब मिलने शुरू हो जाते हैं। अमेरिकी के नाम से बेचे जाने वाले इन सेबों को बाजार में 220 रुपए प्रति किलो तक के दाम में बेचा जा रहा है। इसे वॉशिंगटन के सेब बताकर भी बेचा जाता है। जबकि बाजार में इनकी कीमत 120 रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
यही नहीं अब तक बाजार से गायब रहे इन सेबों की कीमत अप्रैल अंत तक तो 300 रुपए किलो तक पहुंच जाएगी। दरअसल, सेबों की इतनी ऊंची कीमत देशभर के कोल्ड स्टोरेज से तय हो रही है। जब इस बात की पडताल की तो सामने आया कि पिछले साल हिमाचल में हुए हाई क्वालिटी ग्रेड (एक्स्ट्रा लार्ज) सेबों के उत्पादन में से लगभग 95 लाख पेटियां अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ी हैं। शिमला जिले में ही 20 लाख पेटी सेब अभी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है। बाकी सेब चंडीगढ़, दिल्ली और दूसरे शहरों के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है। ताकि अब ऑफ सीजन में इन सेबों को मोटे मुनाफे के साथ बेचा जा सके। खास बात यह है कि इन हाई क्वालिटी सेबों को कोल्ड स्टोरेज में एक महीने स्टोरेज का खर्च 2 रुपए किलो से ज्यादा नहीं पड़ रहा। 5 महीने पहले बागवानों से ये सेब 60 से 65 रुपए किलो खरीदे गए। सबसे अच्छी क्वालिटी के कोल्ड स्टोरेज चार्जेस और दूसरे खर्च भी जोड़ दें तो भी ये सेब 120 रुपए किलो से ज्यादा की कीमत में नहीं बिकने चाहिए थे। लेेकिन अभी से ही सेब बड़े मुनाफे के साथ बेचे जा रहे हैं।
अडानी ग्रुप जैसे बड़े प्लेयर्स सेबों की खरीद से लेकर कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस से सेबों की फसल को काबू किए हुए हैं। शिमला जिले में ही अडानी ग्रुप के तीन कोल्ड स्टोरेज रोहड़ू, रामपुर और बिथल में हैं। रोहड़ू वाले कोल्ड स्टोरेज के तकनीक इंचार्ज राजेश कुमार यादव के मुताबिक इन तीनों कोल्ड स्टोरेज में ही लगभग 13 लाख पेटिंयां हैं। बाकी 7 लाख पेटियां मेकग्रो, देवभूमि, डीएचएस जैसे प्राइवेट प्लेयर्स के अलावा एचपीएमसी के कोल्ड स्टोरेज में हैं। ये बड़े प्लेयर्स ही ऑफ सीजन में इन सेबों को बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स को बेचेंगे। कोल्ड स्टोरेज से हजारों पेटियों की तादाद में खरीदे गए सेब को ये डिस्ट्रीब्यूटर्स फिर आढ़तियों को बेचेंगे।apple_1455405685

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